By अभिनय आकाश | Jul 22, 2021
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के मवाली वाले बयान को लेकर विवाद बढ़ गया है। बीजेपी नेत्री के बयान पर किसान संगठन ने भी एतराज जताया था और पंजाब सीएम ने भी इसे किसान विरोधी मानसिकता करार दिया। वहीं अब अपने बयान को लेकर मीनाक्षी लेखी ने सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझसे सवाल पूछा गया कि 26 जनवरी को जिन्होंने लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया, उनके बारे में आपको क्या कहना है? प्रेस के व्यक्ति के साथ मारपीट की गई, उसके बारे में आपका क्या कहना है? जवाब में मैंने कहा ये किसानों का काम नहीं हो सकता, ये तो मवाली हैं। इसके साथ ही मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस का किसानों से कोई लेना-देना ही नहीं था। लेखी ने कहा किकिसानों से जुड़ी मेरी टिप्पणियों से अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं।
गौरतलब है कि इससे पहले खबर आई थी कि केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया गया था कि लेखी ने कहा है कि वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।
राकेश टिकैत ने जताया विरोध
किसान नेता राकेश टिकैत ने मीनाक्षी लेखी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है।
कैप्टन ने किसान विरोधी मानसिकता करार दिया
पंजाब के मुख्यमंत्री ने मीनाक्षी लेखी के बयान पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात तक कह डाली। अमरिंदर सिंह ने लेखी के बयान को किसान विरोधी मानसिकता करार देते हुए कहा कि बीजेपी नेत्री को किसानों को अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं है।