केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2019 लोकसभा से मंजूर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 12, 2019

नयी दिल्ली। लोकसभा ने शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें आंध्र प्रदेश में आंध्र प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा आंध्र प्रदेश केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के नाम से एक जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। निचले सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के क्रियान्वयन के तहत यह विधेयक लाया गया है।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार हुआ है कि किसी नवगठित राज्य में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान खोले गए हैं और यह मोदी सरकार में संभव हुआ है।

इसे भी पढ़ें: रायबरेली कोच कारखाने की क्षमता 5,000 तक बढ़ाने का इरादा, जिससे लोगों को रोजगार मिले: गोयल

उन्होंने यह भी कहा कि सभी केंद्रीय संस्थानों में रिक्तियों को छह महीने के अंदर भर दिया जाएगा।निशंक ने कहा कि पहली बार हमारे तीन संस्थान दुनिया के शीर्ष संस्थानों की वैश्चिक रैंकिंग में आए हैं और कई संस्थान इसमें शामिल होने के करीब पहुंच चुके हैं। यह सरकार देश की शिक्षा को शिखर पर ले जाने के लिये प्रतिबद्ध है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने सदस्यों के कुछ संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने कहा कि यह शिक्षा को उच्च स्तर पर ले जाने के मोदी सरकार के संकल्प के तहत लाया गया है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 450 करोड़ रुपये और जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए 420 करोड़ रुपये का प्रावधान विधेयक में किया गया है।

इसे भी पढ़ें: रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर लोकसभा में पीयूष गोयल ने दिया जवाब

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 विभिन्न राज्यों में शिक्षण और अनुसंधान के लिये विश्वविद्यालयों की स्थापना और निगमन हेतु एवं उससे जुड़े विषयों के लिये अधिनियमित करता है। इसमें कहा गया है कि आंध्र प्रदेश राज्य में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से उच्चतर शिक्षा तक पहुंच और उसकी गुणवत्ता में वृद्धि होगी और इससे जनता के लिये उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अतिरिक्त जनजातीय विश्वविद्यालयों में भारत की जनजातीय कला, संस्कृति के साथ शिक्षा एवं अनुसंधान सुविधाओं तथा प्रौद्योगिकी के माध्यम से अग्रिम ज्ञान का संवर्द्धन किया जा सकेगा।  वर्तमान में आंध्र प्रदेश राज्य में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है जबकि गोवा के सिवाय सभी राज्यों में एक या अधिक केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। ऐसे में आंध्रप्रदेश राज्य में आंध्रप्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा आंध्र प्रदेश केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के नाम से एक जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का विनिश्चय किया गया है।

प्रमुख खबरें

Amit Shah के फेक वीडियो मामले में पीएम मोदी ने EC से कर दी बड़ी अपील, कहा- समाज में तनाव पैदा करने की साजिश रची जा रही

लाल सागर में कंटेनर पर मिसाइल हमला, हूती बागियों पर शक

PM Modi गांधी परिवार को गाली दे रहे हैं क्योंकि उनके पास अपनी कोई उपलब्धि नहीं : Kharge

Arunachal Pradesh Elections 2024: अरुणाचल प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी है पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल, जानिए इतिहास