Unlock 3 के 30वें दिन कोरोना ने दिखाई तेज रफ्तार, जाँच संख्या का भी बना नया रिकॉर्ड

By नीरज कुमार दुबे | Aug 30, 2020

भारत में कोविड-19 संक्रमण से उबरने वालों की संख्या 27 लाख के पार चली गयी और स्वस्थ होने की दर 76.61 प्रतिशत हो गयी है जबकि इस महामारी से मृत्युदर और घटकर 1.79 फीसदी रह गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे यह भी सामने आया कि उपचाराधीन मरीज की संख्या कुल संक्रमितों का महज 21.60 फीसदी है। मंत्रालय का कहना है कि लगातार अधिकाधिक मरीजों के इस संक्रमण से उबरने, अस्पतालों से छुट्टी मिलने एवं एवं पृथक वास से बाहर आने के साथ ही देश में अबतक 27,13,933 मरीज ठीक हो चुके हैं। उसके अनुसार ‘देश में आक्रामक तरीके से जांच करने, संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का निगरानी के जरिये समय पर पता लगाने और चिकित्सा देखभाल बुनियादी ढांचों में विस्तार के जरिए प्रभावी तरीके से उपचार करने की’ की केंद्र की नीति के क्रियान्वयन से ऐसा संभव हो सका है। मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 64,935 मरीजों के ठीक होने के साथ ही भारत में कोविड-19 मरीजों के स्वस्थ होने की दर सुधरकर 76.61 हो गयी है और उसमें लगातार प्रगति दिख रही है। देश में स्वस्थ होने की दर पांच अप्रैल को महज 7.69 फीसद थी जो तीन मई को बढ़कर 26.59 प्रतिशत हो गयी और 31 मई को 47.76 प्रतिशत पर पहुंच गयी। पांच जुलाई को स्वस्थ होने की दर 60.77 प्रतिशत दर्ज की गयी थी। मंत्रालय का कहना है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या पिछले महीनों में लगातार बढ़ती जा रही है और अब यह उपचाराधीन मरीजों से 3.55 गुणा अधिक है। भारत में स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या उपचाराधीन 7,65,302 मरीजों से 19,48,631 लाख अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में संक्रमण से लोगों के उबरने से यह सुनिश्चित हुआ कि अब उपचाराधीन 7,65,302 मरीज कुल संक्रमितों का महज 21.60 फीसदी है। उसने कहा कि इससे ठीक होने वाले मरीजों और उपचाराधीन मरीजों के बीच फासला बढ़ाने में मदद मिली। देश में कोविड-19 के कुल 78,761 नये मरीजों के सामने आने से बढ़कर कुल मामलों की संख्या 35,42,733 हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 948 और लोगों के इस रोग से जान गंवाने के चलते अबतक 63,498 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है।


भारत में अब तक कुल 4.14 करोड़ कोविड-19 जांच


कोविड-19 का पता लगाने के लिये एक दिन में रिकॉर्ड 10.5 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच किये जाने के साथ ही देश में अब तक की गई कुल जांच की संख्या बढ़कर 4.14 करोड़ के पार पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि जांच क्षमता और जांच की संख्या में हुई इस बढ़ोतरी से प्रति दस लाख की आबादी पर हो रही जांच की संख्या भी आज की तारीख में बढ़कर 30,044 हो गई। उसने कहा कि शनिवार को 10,55,027 नमूनों की जांच के साथ ही रोजना 10 लाख कोविड-19 जांच करने की देश की क्षमता में और बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना वायरस रोगियों का पता लगाने के लिये हुई कुल जांच की संख्या फिलहाल 4,14,61,636 है। कोविड-19 के उभरते वैश्विक परिप्रेक्ष्य को देखते हुए केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समन्वयन के साथ ‘जांच, निगरानी और उपचार’ नीति बनाई और उसे कार्यान्वित किया। मंत्रालय ने कहा कि आक्रामक तरीके से जांच के कारण शुरुआत में ही संक्रमितों की पहचान और इलाज होने से उनके संपर्क में आए लोगों की निगरानी प्रभावी और समयबद्ध तरीके से हो पाती है। इसके बाद हल्के और मध्यम लक्षण वाले मामलों के लिए त्वरित रूप से घर पर पृथकवास या संस्थागत सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है और गंभीर तथा अति गंभीर रोगियों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों को समायोजित करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंड’ पर अपने दिशा निर्देश नोट में संदिग्ध कोविड-19 मामलों के लिए व्यापक निगरानी का सुझाव दिया है। संगठन ने सुझाव दिया है कि एक देश को प्रति 10 लाख आबादी पर रोजाना 140 नमूनों की जांच करने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सुझाई गई संख्या से ज्यादा जांच हो रही हैं। कई राज्यों ने राष्ट्रीय औसत की तुलना में कम संक्रमण दर दर्ज कर बेहतर प्रदर्शन किया है। जांच करने की कार्यनीति ने देश भर में प्रयोगशालाओं के नेटवर्क का सतत विस्तार भी सुनिश्चित किया है। आज देश में सरकारी क्षेत्र में 1003 तथा निजी क्षेत्र में 580 प्रयोगशालाएं हैं और कुल मिला कर 1583 प्रयोगशालाएं लोगों को व्यापक जांच सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। मंत्रालय द्वारा साझा किये गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में रोजाना प्रति 10 लाख की आबादी पर की जाने वाली जांच फिलहाल 545 है। प्रति 10 लाख की आबादी के लिहाज से गोवा सबसे ज्यादा 1,584 जांच कर रहा है जिसके बाद आंध्र प्रदेश 1,391, दिल्ली 950, तमिलनाडु 847, असम 748, कर्नाटक 740, बिहार 650 और तेलंगाना 637 जांच कर रहा है। भारत में कोविड-19 की संक्रमण दर आज की तारीख में 8.57 प्रतिशत है।

इसे भी पढ़ें: कोरोना से बचाव के निर्देश ना मानने वालों पर कड़ा जुर्माना होना ही चाहिए

कर्नाटक में कोविड-19 के 8,852 नये मामले


कर्नाटक में रविवार को कोविड-19 के 8,852 नये मामले सामने आये और 106 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग के मुताबिक राज्य में 8,852 नये मामले सामने आने के साथ कोविड-19 के कुल मामले बढ़ कर 3,35,928 हो गये। वहीं, 106 संक्रमित मरीजों की मौत हो जाने से इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 5,589 हो गई। इस रोग से उबरने पर रविवार को विभिन्न अस्पतालों से 7,101 मरीजों को छुट्टी भी दे दी गई। रविवार को सामने आये 8,852 मामलों में 2,821 सिर्फ बेंगलुरु से हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी बुलेटिन में कहा कि 30 अगस्त शाम तक राज्य में कोविड-19 के कुल 3,35,928 मामले सामने आ चुके हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि अभी 88,091 मरीज इलाजरत हैं जिनमें 730 मरीज गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती हैं। रविवार को जिन 106 मरीजों की मौत हुई उनमें 27 बेंगलुरू शहरी क्षेत्र से हैं। ज्यादातर मरीज पहले से सांस लेने में परेशानी या इंफ्लुएंजा जैसे रोगों से ग्रसित थे। बेंगलुरु शहरी जिले में अब तक संक्रमण के कुल 1,27,263 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में अब तक कुल 28,52,675 नमूनों की जांच की गई है।


त्रिपुरा में भाजपा विधायक संक्रमित


त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने कहा है कि उनकी जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। बदरोवाली से विधायक आशीष साहा ने कहा कि शनिवार को उनकी जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई और अब वह अगरतला में अपने घर में पृथक-वास में हैं। साहा ने कहा, “मेरी जांच में कोविड-19 की पुष्टि हुई है और मैं घर में पृथक-वास में हूं। मैं डॉक्टरों की सलाह पर दवाएं ले रहा हूं।” साहा राज्य में भाजपा के तीसरे विधायक है जो कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।


केरल में कोविड-19 के 2,154 नए मामले


केरल में रविवार को कोविड-19 के 2,154 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक कुल 73,854 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने एक बयान में बताया कि राज्य में आज सात और लोगों की मौत होने के साथ ही संक्रमण से अभी तक 287 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि नये मामलों में से 49 लोग विदेश से लौटे हैं, 110 लोग दूसरे राज्यों से आए हैं और 1,962 लोग राज्य में लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं। मंत्री ने बताया कि मरने वालों में पश्चिम बंगाल निवासी 49 वर्षीय एक कामगार, 90 वर्षीय एक महिला और कन्नूर जिले के तीन निवासी शामिल हैं। शैलजा ने बताया, ‘‘33 स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित हुए हैं। रविवार को 1,766 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई। राज्य में अभी तक 49,849 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। फिलहाल 23,658 मरीजों का उपचार चल रहा है।’’


दिल्ली में 2,024 नए मामले


दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,024 नए मामले सामने आने के बाद शहर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,73,390 तक पहुंच गई। वहीं, इसी अवधि में संक्रमण से 22 मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,426 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 6,881 आरटीपीसीआर/ट्रूनेट परीक्षण किए गए जबकि 13,555 रेपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। बुलेटिन के मुताबिक, 1,54,171 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में फिलहाल 14,793 मरीज उपचाराधीन हैं और 820 निषिद्ध क्षेत्र हैं।


साक्षी महाराज को 24 घंटे बाद छोड़ा


झारखंड सरकार ने भाजपा सांसद साक्षी महाराज को कोविड-19 प्रोटोकॉल का कथित रूप से उल्लंघन करने को लेकर गृह पृथक-वास में भेजने के 24 घंटे बाद रविवार को छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में उन्नाव से सांसद को प्रशासन को कथित रूप से सूचना दिए बगैर जिले में एक कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर शांति भवन आश्रम में पृथक-वास में रखा गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार पर साक्षी महाराज को गृह पृथक-वास से छोड़ने का काफी दबाव था। गिरिडीह के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया, ‘‘शनिवार को सांसद की कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव आयी। राज्य सरकार के आदेशानुसार उन्हें पृथक-वास से छोड़ दिया गया। वह जहां भी जाना चाहें, उसके लिए आजाद हैं।’’ साक्षी महाराज गिरिडीह से धनबाद रवाना हुए जहां से वह ट्रेन से नयी दिल्ली जाएंगे। सांसद ने कहा, ‘‘कई नेता पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। प्रशासन ने कल मुझे रोक दिया, इसलिए मैं रूक गया। अब उन्होंने मुझे जाने की अनुमति दे दी है, अब मैं जा रहा हूं।''


उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के 67 और मरीजों की मौत


उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 से 67 और मरीजों की मौत हो गई जबकि 6,233 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोविड-19 संक्रमित 67 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा 11 मौतें कानपुर नगर में हुई हैं। इसके अलावा लखनऊ तथा प्रयागराज में आठ-आठ, गोरखपुर में चार, बलिया में तीन, वाराणसी, देवरिया, सहारनपुर, शाहजहांपुर, और फिरोजाबाद में दो-दो तथा मुरादाबाद, मेरठ, जौनपुर, अयोध्या, आजमगढ़, कुशीनगर, आगरा, गाजीपुर, महराजगंज, गोंडा, लखीमपुर खीरी, बस्ती, पीलीभीत, सीतापुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मैनपुरी, मऊ, रायबरेली, ललितपुर, फतेहपुर, बागपत तथा कासगंज में एक एक मरीज की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में संक्रमण के 6,233 नए मामले सामने आए हैं। यह राज्य में एक दिन में सामने आए कोविड-19 मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है। लखनऊ में सबसे ज्यादा 999 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा प्रयागराज में 320, कानपुर नगर में 300, वाराणसी में 198, सहारनपुर में 191 और गाजियाबाद में 180 लोगों के कोरोन वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में इस वक्त 54,666 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। संक्रमित होने के बाद पूरी तरह से ठीक हो चुके मरीजों की संख्या 1,67,543 है। इस तरह राज्य में कोविड-19 से ठीक होने की दर 74.25 प्रतिशत है। जबकि मृत्यु दर घटकर 1.15% रह गयी है। प्रसाद ने बताया कि शनिवार को प्रदेश में 1,39,454 नमूनों की जांच की गई और अब तक प्रदेश में कुल 54,90,354 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

इसे भी पढ़ें: 100 साल पहले दुनिया जिस तरह महामारी के आगे बेबस थी वही हाल अब भी है

गुजरात में कोविड-19 के मामले 95 हजार के पार


गुजरात में रविवार को कोविड-19 के 1272 नये मरीज सामने आने से राज्य में इस महामारी के मामले बढ़कर 95,155 हो गये। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि 17 और मरीजों की मौत हो जाने से अब तक 3008 लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। विभाग के मुताबिक रविवार को 1,095 लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। इस प्रकार अब तक राज्य में 76,757 मरीज ठीक हो चुके हैं। विभाग के अनुसार राजधानी अहमदाबाद में कोविड-19 के 169 नये मरीज सामने आने के साथ ही जिले में संक्रमितों की संख्या 31,346 हो गयी। विभाग के अनुसार जिले में चार और मरीजों की जान चले जाने के बाद अब तक 1,728 लोग इस वायरस के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। विभाग के मुताबिक शनिवार को 164 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी मिलने के साथ ही जिले में अब तक 26,234 मरीज ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में अब कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर 80.67 प्रतिशत है। विभाग के मुताबिक गत 24 घंटे में 69,488 नमूनों की जांच की गई। इस प्रकार प्रति 10 लाख आबादी पर रोजाना 1,069.05 नमूनों की दर से जांच की जा रही है।


कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण


भारत में कोरोना वायरस संक्रमण में वृद्धि की वजह विशेषज्ञों के मुताबिक जांच में इजाफा, अर्थव्यवस्था का फिर से खुलना तथा कोविड-19 के खतरे की ओर ध्यान नहीं देते हुए लोगों के भीतर इस संक्रमण संबंधी व्यवहार को लेकर आत्मसंतुष्टि की भावना पैदा होना है। देश में हफ्तेभर के भीतर पांच लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जिसकी वजह विशेषज्ञ उपरोक्त कारण मानते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 78,761 नए मामले सामने आने से रविवार को संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 35,42,733 हो गई। पिछले चार दिनों से देश में 70,000 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समिरन पांडा ने कहा कि मामलों में यह वृद्धि अपेक्षित थी लेकिन सभी राज्यों में यह स्थिति समान नहीं है। डॉ. पांडा ने कहा, ‘‘कुछ इलाकों में ऐसा हो रहा है और उन समूहों के बीच देखने को मिल रहा है जहां संवेदनशील आबादी तथा बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले लोगों का मिश्रण है, जिससे संक्रमण फैल रहा है। इसलिए इन क्षेत्रों में इस संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे।’’ उन्होंने कहा कि जांच अत्यधिक बढ़ा दी गयी है जिससे ज्यादा मामलों का पता भी चल रहा है। पांडा ने कहा, ‘‘इसके अलावा अर्थव्यवस्था के खुलने और लोगों की आवाजाही बढ़ने से लोगों में संक्रमण संबंधी व्यवहार को लेकर आत्मसंतुष्टि की भावना पैदा हो रही है जिससे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।’’ शीर्ष विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने कहा कि लोग मास्क पहनने, हाथ साफ करने और सामाजिक मेलजोल से बचने संबंधी परामर्श को नहीं मान रहे। उन्होंने कहा, ‘‘यह उस आधिकारिक विमर्श से उपजे आत्मसंतोष के कारण है जिसमें केवल तेजी से सही होते मरीजों की संख्या और कम होती मृत्युदर की बात हो रही है। सच यह है कि इस समय रोजाना संक्रमण के सर्वाधिक मामले आ रहे हैं। संक्रमितों की संख्या के मामले में हम दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं और मौत के कुल आंकड़े के लिहाज से भी तीसरे स्थान पर पहुंचने वाले हैं।’’ भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, ‘‘इस स्तर पर सरकार के प्रयासों से मामलों की संख्या पर लगाम लगाने का कोई तरीका नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि अब व्यक्तिगत स्तर पर ही रोकथाम संभव है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मौजूदा रूझान जारी रहा तो भारत (संक्रमण के मामलों में) ब्राजील और अमेरिका को पीछे छोड़ देगा । अगले छह हफ्ते में ऐसा होने की आशंका है । सरकारी प्रयासों से मामले नियंत्रित करने का कोई रास्ता नहीं है। अब व्यक्तिगत स्तर पर ही रोकथाम संभव है।’’ अग्रवाल ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था खुलने से मामलों में इजाफा होगा। लॉकडाउन लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए तैयार करने और संवेदनशील बनाने के लिए था। इस समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि मृत्यु दर की रोकथाम की जाए। इसलिए सरकार के प्रयास मृत्यु दर को कम करने की दिशा में होने चाहिए।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 63,498 हो गई है। पिछले 24 घंटे में संक्रमण से 948 लोगों की मौत हो गयी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक जांच बढ़ाए जाने के कारण भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। शनिवार को कोविड-19 की रिकॉर्ड 10.5 लाख जांच की गयी। देश में अब तक 4,14,61,636 जांच हो चुकी है।


आंध्र प्रदेश में 10 हजार से अधिक नये मामले


आंध्र प्रदेश में लगातार पांचवें दिन रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 10,000 से अधिक मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4.24 लाख हो गई। महाराष्ट्र के बाद अब आंध्र प्रदेश में संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। रविवार को सुबह नौ बजे तक पिछले चौबीस घंटे में राज्य में 10,603 मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,24,767 पर पहुंच गई। राज्य सरकार की ओर से जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में आंध्र प्रदेश में कोविड-19 के 9,067 मरीज ठीक हो गए और 88 और मरीजों की मौत हो गई। बुलेटिन के अनुसार, अब तक राज्य में कोविड-19 के कुल 3,884 मरीज दम तोड़ चुके हैं और 3,21,754 मरीज ठीक हो चुके हैं।


राजस्थान के परिवहन मंत्री संक्रमित


राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास रविवार को जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये। खाचरियावास ने ट्वीट कर बताया, ‘‘कुछ लक्षण दिखने पर मैंने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करवायी है और मेरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।मेरा अनुरोध है कि गत दिनों में मेरे संपर्क में जो लोग आये हैं वह स्वयं को अलग कर अपनी जांच करवाएं।’’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके शीघ्र ठीक होने की कामना की है। गहलोत ने ट्वीट के जरिये कहा कि मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगी प्रतापसिंह खाचरियावास के कोविड-19 संक्रमण से शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं। भगवान उन्हें जल्द ठीक करे।


कर्नाटक भाजपा प्रमुख संक्रमित


कर्नाटक भाजपा के प्रमुख नलिन कुमार कतील ने रविवार को कहा कि उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है लेकिन उनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं। दक्षिण कन्नड़ से लोकसभा सदस्य कतील ने ट्वीट किया है, ‘‘मैंने कोविड-19 की जांच करायी और संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। लक्षण नहीं होने के बावजूद, डॉक्टरों की सलाह पर मैं अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं।’’ सभी की शुभेक्षाओं और आशीष से जल्दी स्वस्थ होने का विश्वास जताते हुए 53 वर्षीय नेता ने अपने संपर्क में आए सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे एहतियात बरतें। प्रदेश अध्यक्ष के पद पर एक साल पूरा कर चुके कतील हाल में पूरे राज्य का दौरा कर रहे थे और संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार विभिन्न जिलों में बैठकें कर रहे थे। इससे पहले राज्य में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, विपक्ष के नेता सिद्धरमैया, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। येदियुरप्पा और सिद्धरमैया संक्रमण मुक्त हो चुके हैं जबकि शिवकुमार का इलाज चल रहा है। राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है।


निजी अस्पतालों में भी मिल सकेगा निशुल्क उपचार


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के गंभीर रोगियों को आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की समुचित व्यवस्थाएं की हैं। इसके बाद भी भविष्य में और बिस्तरों की आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों से सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिलाधिकारी निजी अस्पतालों में राज्य सरकार की निर्धारित दरों पर कोविड-19 के गंभीर रोगियों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था कर सकेंगे। गहलोत ने रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि संकट के इस समय में निजी अस्पताल अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आईसीयू तथा ऑक्सीजन बिस्तरों की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल बिना लक्षण वाले मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए होटल संचालकों के साथ बातचीत कर अनुबंध करें ताकि गंभीर रोगियों के लिए अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध रह सकें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में संभागीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में उच्च प्रवाह ऑक्सीजन युक्त बिस्तर तथा आईसीयू बिस्तर की संख्या को आगामी एक माह में तीन से चार गुना तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को देखते हुए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने जयपुर एवं कोटा में कोविड मरीजों की देखरेख के लिए 100 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। गहलोत ने विगत दिनों कोविड-19 के रोगियों की बढ़ी संख्या को देखते हुए अजमेर, अलवर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, पाली एवं झालावाड़ में निषिद्ध क्षेत्र की व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में जरूरतमंद हर परिवार को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं रखेगी। गहलोत ने कहा कि हाल ही प्रदेश के कुछ सांसद एवं विधायक भी कोरोना संक्रमित हुए हैं। इसे देखते हुए सभी सांसद-विधायक एहतियात के तौर पर अपनी कोविड-19 जांच करवाएं, जिससे संक्रमण से बचा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि विवाह आयोजनों के साथ-साथ सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, खेल एवं राजनीतिक आयोजनों में पूर्व की भांति 50 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाए। गहलोत ने अनलॉक-4 दिशानिर्देश के अनुरूप प्रदेश के लिए दिशानिर्देश जारी करने के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की और जयपुर मेट्रो का संचालन समाजिक दूरी एवं अन्य स्वास्थ्य नियम के साथ शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को जेईई-नीट परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को संक्रमण से बचाने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर स्वास्थ्य नियम से संबंधित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। साथ ही बच्चों के आवागमन के लिए परिवहन तथा ठहरने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, महानिदेशक अपराध एमएल लाठर, एसीएस (वित्त) निरंजन आर्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इसे भी पढ़ें: मन की बात में पीएम मोदी ने कहा- किसानों ने कोरोना काल में भी अपनी ताकत को साबित किया

पंजाब में कोविड-19 से 56 और लोगों की मौत


पंजाब में रविवार को एक दिन में कोविड-19 से रिकॉर्ड 56 लोगों की मौत हो गई जिससे राज्य में इस महामारी के चलते जान गंवाने वालों की कुल संख्या 1,404 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने आज यह जानकारी एक मेडिकल बुलेटिन में दी। इससे पहले, कोविड-19 से एक दिन में जान गंवाने वालों की सर्वाधिक संख्या 51 थी। बुलेटिन में कहा गया कि राज्य में रविवार को कोविड-19 के 1,689 नए मामले सामने आए जिससे संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 52,526 हो गई है। इसमें कहा गया कि ठीक होने के बाद 1,656 और लोगों को छुट्टी मिल गई। इस तरह राज्य में ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या 35,747 हो गई है। इस समय 15,375 मरीज उपचाराधीन हैं।


हरियाणा में कोविड-19 के 1295 नए मामले


हरियाणा में रविवार को कोविड-19 के 1295 नए मामले आए तथा 12 और मरीजों की मौत हो गयी। स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक नए मामलों के बाद संक्रमितों की संख्या 63,282 हो गयी है और मृतकों की संख्या 682 हो गयी है। राज्य में 26 अगस्त को संक्रमण के सबसे ज्यादा 1397 मामले आए थे। बुलेटिन के मुताबिक, रविवार को पानीपत से चार, अंबाला से तीन, कुरूक्षेत्र से दो मरीजों की मौत की खबरें आयीं। फरीदाबाद, रोहतक और सिरसा में भी एक-एक मरीज की मौत हुई। गुरुग्राम से 125, करनाल से 121, अंबाला से 120, फरीदाबाद से 119, यमुनानगर से 85, पानीपत से 84 और पंचकूला से 77 मामले सामने आए। राज्य में 10,980 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 51,620 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। राज्य में ठीक होने की दर 81.57 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 1.08 प्रतिशत है।


उत्तराखंड में 664 नए मरीज मिले


उत्तराखंड में रविवार को कोविड—19 के 664 नए मरीज मिले जिससे राज्य में महामारी से पीड़ितों का आंकड़ा 19,235 हो गया। प्रदेश में एक दिन में सात मरीजों की महामारी से मृत्यु हो गयी। प्रदेश के स्वास्थय विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 183 नए मामले उधमसिंह नगर जिले में मिले जबकि हरिद्वार में 126, देहरादून में 120 और उत्तरकाशी में 46 मरीज सामने आए। बुलेटिन के अनुसार रविवार को कोरोना वायरस ने सात और मरीजों की जान ले ली। तीन मरीजों ने एम्स ऋषिकेश में दम तोडा जबकि दो अन्य की मृत्यु दून मेडिकल कॉलेज में हुई। हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल में दो मरीजों ने अंतिम सांस ली। अब तक प्रदेश में महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 257 हो चुकी है। प्रदेश में अब तक कुल 13,004 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मामलों की संख्या 5,912 है। कोविड-19 के 62 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं।


जीतनी होगी कोरोना के खिलाफ जंग


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए रविवार को कहा कि हमें किसी भी कीमत पर कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतनी होगी। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि हमें हर हाल में किसी भी कीमत पर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतनी होगी। उन्होंने जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कोविड-19 के सिलसिले में हर सुबह शाम बैठक करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी तहसीलों में उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी गश्त करें। मुख्यमंत्री ने बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज स्थित बाल संस्थान में कोविड-19 मरीजों के लिए समर्पित अस्पताल तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन संयंत्र शुरू करने के बाद 50 बिस्तर की एक चिकित्सा इकाई जल्द से जल्द शुरू की जाए। योगी ने एकीकृत नियंत्रण कक्षों के जरिए कोविड-19 रोगियों की लगातार निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि रोगियों से रोजाना कम से कम दो बार संपर्क किया जाए और अगर उनमें गंभीर लक्षण पाए जाएं तो उन्हें तुरंत कोविड -19 अस्पताल में भर्ती कराया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर निजी अस्पताल कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों से निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क वसूलते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि कहीं पर भी जलभराव ना हो। इसके अलावा जलभराव वाले इलाकों का सर्वे करके परियोजना रिपोर्ट तैयार कर एक हफ्ते में पेश की जाए। जगह-जगह भरे हुए पानी को अस्थाई व्यवस्था के तहत पंपिंग सेट के जरिए निकाला जाए।


मध्य प्रदेश में लापरवाही


मध्य प्रदेश में पिछले दो महीनों में कोविड-19 महामारी के संक्रमितों की संख्या में 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चिकित्सा विशेषज्ञों एवं सरकारी अधिकारियों के अनुसार लोगों की लापरवाही के कारण यह तेजी आई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सरकार के उन नए दिशानिर्देशों पर चिंता जाहिर की है, जिनमें देश में अनलॉक-4 के तहत 21 सितंबर से 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी। मध्य प्रदेश में इस साल 20 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमित पहला मरीज मिला था और शनिवार तक प्रदेश में इस महामारी से कुल 60,875 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 1,345 लोगों की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 के जारी आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि प्रदेश में जुलाई और अगस्त के दो महीनों में ही 47,282 मामले आये, जो अब तक राज्य में आये कुल कोरोना वायरस संक्रमितों का करीब 78 प्रतिशत है। इन दो महीनों में 773 कोरोना वायारस मरीजों की मौत हुई है, जो प्रदेश में इस बीमारी से हुई कुल मौतों का 57 प्रतिशत है। एम्स भोपाल के निदेशक प्रोफेसर सरमन सिंह ने रविवार को बताया कि कोविड-19 के बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाये रखने के मानदंड सहित अन्य उपायों के प्रति लोगों में उदासीनता के साथ-साथ इस बीमारी को रोकने के लिए लगाये गये प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के कारण यह महामारी बड़ी तेजी से फैली है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने कोविड-19 को हल्के में लिया है और वे आत्मसंतुष्ट हो गये हैं। इसलिए पूरी दुनिया में इस बीमारी के मरीजों की संख्या में तेजी आई है। इसके अलावा, कई लोग मास्क भी नहीं लगा रहे हैं और सामाजिक दूरी का जो मानदंड बनाया गया है, उसका पालन भी नहीं कर रहे हैं।’’ सिंह ने यह भी कहा कि यह चिंताजनक है कि हमारी सरकार कोविड-19 के लिए बने मानदंडों में और ढील देने जा रही है, जिसके तहत 21 सितंबर से 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि लोग कोविड-19 के लिए बने मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं और एक स्थान पर जितने लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति दी गई है, उससे अधिक संख्या में जमा हो जाते हैं। सिंह ने कहा, ‘‘बगैर राजनीतिक और सामाजिक आयोजनों से जीवन चल सकता है। केवल कार्यालयों और आर्थिक गतिविधियों को खोला जाना चाहिए, जो आजीविका के लिए आवश्यक है ... लेकिन मैं यह टिप्पणी नहीं करना चाहता कि मानदंडों की छूट से क्या हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन नियंत्रण में है। मध्य प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति में पहले की तुलना में सुधार हुआ है।’’ मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या बताती है कि लोग एक-दूसरे से मिल रहे हैं। सरकार लोगों को विभिन्न माध्यमों के जरिये सामाजिक दूरी और मास्क लगाने के लिए जागरूक कर रही है।’’ सुलेमान ने बताया, ‘‘जो भी इलाज के लिए आयेगा, हम उसका इलाज करेंगे। अधिकांश लोग इस बीमारी से ठीक हो रहे हैं। प्रदेश में मृत्यु दर करीब दो प्रतिशत है।’’ कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (भोपाल) के निदेशक डॉ. अजय गोयंका ने कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि के लिए लोगों की लापरवाही के साथ-साथ उनमें इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस की रोकथाम जनता की जागरूकता पर निर्भर करती है। इसे तभी नियंत्रित किया जा सकता है जब लोग गलतियां करना बंद करें। लोग डरे हुए हैं और इस बीमारी को छुपा रहे हैं।’’ गोयंका ने बताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों को सामाजिक दूरी के लिए बनाये गये मानदंडों का पालन करना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए और समय पर उपचार के लिए अस्पताल में आना चाहिए।’’

इसे भी पढ़ें: कृषि से जुड़े अध्यादेशों पर केंद्र का विरोध नहीं करना चाहती है शिअद: अमरिंदर सिंह

सिनेमाघरों को खोलने की मांग की


बॉलीवुड के कई फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं और मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने रविवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे जो कोविड-19 महामारी के चलते बंद हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। सरकार ने जून महीने से इसे चरणबद्ध तरीके से खोलने की शुरुआत की थी और घरेलू हवाई यात्रा तथा गैर निषिद्ध क्षेत्रों में कार्यालयों, बाजारों, शॉपिंग काम्प्लेक्स आदि को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी थी। सरकार द्वारा ‘अनलॉक-4’ के लिए जारी किए गए जारी दिशा-निर्देशों में सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। एमएआई ने हैशटैग ‘‘सपोर्ट मूवी थिएटर्स’’ के साथ ट्वीट किया कि सिनेमा उद्योग देश की संस्कृति का न सिर्फ अंतर्निहित हिस्सा है, बल्कि अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा भी है जिससे ‘‘लाखों लोगों की आजीविका चलती है।’’ इसने कहा, ‘'अधिकतर देशों में सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति मिल गई है। हम भारत सरकार से भी सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति देने का आग्रह करते हैं। हम सुरक्षित और स्वस्थ सिनेमा अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ एसोसिएशन ने कहा, ‘‘यदि मेट्रो, मॉल और रेस्तराओं को खोलने की अनुमति मिल सकती है तो सिनेमा उद्योग भी एक अवसर पाने का हकदार है।’’ फिल्म निर्माता बोनी कपूर, प्रवीण डबास और शिबाशीष सरकार जैसे लोगों ने सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति देने की मांग का समर्थन किया।


-नीरज कुमार दुबे

प्रमुख खबरें

कनाडा और उड़ानों, वायु मार्गों को जोड़ने के लिए भारत के साथ काम कर रहा : PM Trudeau

भीषण गर्मी के बीच Jharkhand सरकार ने 8वीं तक की कक्षाएं निलंबित कीं

Ola Mobility के CEO हेमंत बख्शी का इस्तीफा, 10-15 प्रतिशत कर्मचारियों की हो सकती छंटनी

अमेठी, रायबरेली से उम्मीदवारों पर फैसले के लिए खरगे को अधिकृत किया गया: Congress