By रितिका कमठान | Nov 10, 2022
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में मदरसा सर्वे का काम पूरा होने के बाद सामने आया है कि यहां 8496 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे है। हालांकि ये मदरसे 60 जिलों में ही मिले है। अभी 15 जिलों को अपनी रिपोर्ट सौंपनी बाकी है। ये जिले आगामी 15 तारीख तक अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौपेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्यभर में मदरसों के सर्वे का काम किया जा रहा है। इस सर्वे की निगरानी की जिम्मेदारी मदरसा बोर्ड को सौंपी गई है। बता दें कि सभी जिलों से सर्वे रिपोर्ट हासिल करने के बाद ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसके आधार पर फैसला करेगी।
उत्तर प्रदेश सराकर के अधिकारियों का कहना है कि इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा की सर्वे का काम इस प्रकार से किया जाए कि जो भी परिणाम आए वो सकारात्मक हो। अल्पसंख्यक वर्ग की छात्र-छात्राओं को भी इससे लाभ मिल सके। इससे बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा भी छात्रों को मिल सकेगी।
इस सर्वे के जरिए अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास करने पर भी जोर दिया जाएगा। प्रशासन की कोशिश होगी कि योजनाओं को इस तरह से लागू किया जाए कि इनका लाभ अल्पसंख्यक वर्ग के हर व्यक्ति तक पहुंचे। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि अबतक 60 जिलों में से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सर्वे रिपोर्ट मिल गई है। इनमें से 8496 मरदसे गैर मान्यता प्राप्त है। बता दें कि नौ नवंबर को धर्मपाल सिंह ने विधानभवन में भी समीक्षा बैठक ली है।
इन जिलों की रिपोर्ट मिली
जानकारी के मुताबिक राज्य भर में कुल 75 जनपद है, जिसमें से बस्ती, कासगंज, महोबा, औरैया, ललितपुर, चन्दौली, शामली, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, चित्रकूट, मथुरा, मऊ, आगरा, अम्बेडकरनगर, फतेहपुर, श्रावस्ती, कौशाम्बी, हमीरपुर, देवरिया, जौनपुर, सहारनपुर, कानपुर नगर, जालौन, उन्नाव, बांदा, शाहजहांपुर, झांसी, लखनऊ, अयोध्या, हरदोई, सम्भल, पीलीभीत, रायबरेली, संतकबीरनगर, गाजियाबाद, इटावा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सीतापुर, गोण्डा और फिरोजाबाद आदि ने अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। जिन जिलों से सर्वे की रिपोर्ट नहीं मिल सकी है वहां से 15 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट प्राप्त की जाएगी।