'आप मूर्ख नहीं बना सकते', जयशंकर के बयान पर US की सफाई- भारत-पाक, दोनों ही देश हमारे सहयोगी

By अंकित सिंह | Sep 27, 2022

पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से एफ-16 लड़ाकू विमानों के वास्ते 45 करोड़ डॉलर की मदद की मंजूरी दी गई है। हालांकि, भारत के पहले ही दिन से इस पर लगातार आपत्ति दर्ज कराता रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तो अमेरिका पर जबरदस्त तरीके से तंज कसा था। वहीं, अमेरिका लगातार सफाई पेश कर रहा है। इस मामले को लेकर एक बार फिर से अमेरिका की ओर से सफाई दी गई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को ही हम अलग-अलग सहयोगी के रूप में देखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों अमेरिका के भागीदार है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि दोनों ही देशों को अमेरिका सहयोगी के रूप में देखता इसलिए भी है क्योंकि कई मामलों में हमारे साजे मूल्य और साक्षी हित हैं। इसके साथ ही अमेरिका की ओर से दावा किया गया है कि भारत-पाक के रिश्तो में भी सकारात्मकता देखने के लिए उसकी ओर से कोशिश करना चाहता है। 

 

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एस जयशंकर का बयान

इस पूरे मामले को लेकर एस जयशंकर ने साफ शब्दों में अमेरिका की आलोचना की थी। अमेरिका के लिए एस जयशंकर ने यह भी कह दिया था कि आप किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं। विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि हर कोई जानता है कि एफ-16 का कहां और किसके खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा था कि आप इस प्रकार की बातें कहकर किसी को भी मूर्ख नहीं बना सकते। पाकिस्तान अमेरिका संबंध पर एस जयशंकर ने कहा कि ईमानदारी से कहूं, तो इस संबंध से न तो पाकिस्तान को कोई फायदा हुआ है और न ही इससे अमेरिका के हितों को पूरा करने में मदद मिली है, इसलिए अब अमेरिका को वास्तव में यह सोचना चाहिए कि इस संबंध का फायदा क्या है और इससे उन्हें क्या मिल रहा है।


 

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क्या है मामला

वर्तमान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 8 सितंबर को पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के वास्ते 45 करोड़ डॉलर की मदद देने की मंजूरी की थी। अमेरिका की ओर से यह भी दलील दिया गया था कि इससे पाकिस्तान को वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने पर रोक लगा दी थी। अमेरिका के इस कदम पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी वहां के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। 

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