By अनुराग गुप्ता | Oct 23, 2021
न्यूयॉर्क। अमेरिकी का जो बाइडेन प्रशासन अफगानिस्तान में सैन्य और खुफिया अभियानों के संचालन के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने वाली है। इसके लिए पाकिस्तान के साथ औपचारिक समझा होने वाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने आतंकवाद विरोधी प्रयासों और भारत के साथ संबंधों के प्रबंधन में मदद के बदले एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की इच्छा व्यक्त की है।
अंग्रेजी समाचार वेबसाइट 'सीएनएन' की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया कि अभी समझौते पर बातचीत चल रही है और अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। ऐसे में बदलाव संभव है।
अमेरिकी सैनिकों की हो चुकी है वापसी ?पाकिस्तान के साथ समझौता होने की उम्मीद ऐसे समय में जगी है जब व्हाइट हाउस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि क्या वह अफगानिस्तान में आईएसआईएस-के और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ अभियान चला सकता है ? नाटो के बाद दो दशकों में पहली बार ऐसा हुआ है जब अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में मौजूद नहीं हैं और उनकी वापसी हो चुकी है।वर्तमान में अमेरिकी सेना अफगानिस्तान तक अपनी पहुंच को बनाने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन इसके लिए कोई भी औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। वहीं एक अन्य सूत्र ने जानकारी दी कि जब अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान का दौरा किया था तो उस उन्होंने एक समझौते पर चर्चा की थी लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि पाकिस्तान क्या चाहता है और बदले में अमेरिका कितना कुछ देने वाला है।