Monika Weds Monis को लेकर Uttarakhand की राजनीति में उठा बड़ा तूफान, BJP नेता ने अपनी पार्टी को साँसत में डाला

By नीरज कुमार दुबे | May 20, 2023

लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण का विरोध करने वाली भाजपा के एक नेता ने अपनी पूरी पार्टी को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। दरअसल उत्तराखंड में पौड़ी के नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम अपनी पुत्री की शादी एक मुसलमान युवक से करने जा रहे हैं जिसको लेकर राज्य की राजनीति में उठा तूफान अब अन्य प्रदेशों में भी पहुँचने लगा है। हम आपको बता दें कि इस माह के आखिर में होने वाली शादी के विरोध में विभिन्न हिंदू संगठनों का प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को भी हिंदू संगठनों ने कोटद्वार में तगड़ा प्रदर्शन किया और उनका पुतला फूंका। इन दिनों सोशल मीडिया पर यशपाल बेनाम की पुत्री मोनिका की उत्तर प्रदेश के अमेठी के रहने वाले मोहम्मद मोनिस से 28 मई को होने वाली शादी का कार्ड भी खूब प्रसारित हो रहा है। इस मामले को लेकर जहां सोशल मीडिया पर यशपाल बेनाम को ट्रोल किया जा रहा है, वहीं स्थानीय स्तर पर भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।


विश्व हिंदू परिषद, भैरव सेना और बजरंग दल से जुड़े लोग कोटद्वार में हिंदू पंचायती धर्मशाला में एकत्र हुए और फिर वहां से जुलूस के रूप में झंडा चौक पहुंचे। यहां शादी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उन्होंने यशपाल बेनाम के पुतले को आग के हवाले कर दिया। विश्व हिंदू परिषद के पौड़ी के कार्यकारी जिलाध्यक्ष दीपक गौड़ ने कहा कि वे इस प्रकार की शादी का पुरजोर विरोध करते हैं, क्योंकि इससे आने वाली पीढ़ी में गलत संदेश जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यशपाल बेनाम की पुत्री को या तो इस्लाम धर्म कबूल कर लेना चाहिए या उनके होने वाले दामाद को हिंदू धर्म अपनाना चाहिए।’’ वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के धर्म प्रचार प्रांत प्रमुख अवधेश कुमार ने भी कार्ड छपवाकर और वैवाहिक आयोजन करके ऐसी शादी को सामाजिक मान्यता दिए जाने को गलत बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के विवाह से सनातन धर्म आहत हो रहा है और उन्हें सरेआम यह प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।


पौड़ी के गौसेवा आयोग के सदस्य धर्मवीर गुसाईं ने कहा, 'आज भी उत्तराखंड में छोटी धोती (छोटे ब्राह्मण) बड़ी धोती (बड़े ब्राह्मण) का बहुत महत्व है। ऐसी शादी को सामाजिक मान्यता दिलाने के लिए इस प्रकार का आयोजन अशोभनीय और निंदनीय है।' देखा जाये तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में यह इस तरह पहला मामला है कि जिसमें राजनीतिक पद पर आसीन व्यक्ति इस तरह कार्ड के जरिये निमंत्रण भेज रहा है।

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इस बीच, पूर्व विधायक यशपाल बेनाम का किसी व्यक्ति के साथ बातचीत का एक कथित आडियो प्रसारित हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि यह शादी दोनों परिवारों की आपसी सहमति से तथा हिंदू रीति-रिवाजों से हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि शादी के लिए ना तो उनकी पुत्री ने धर्म परिवर्तन किया है और ना ही उनके होने वाले दामाद का धर्मांतरण कराया गया है। यशपाल बेनाम ने कहा कि ऐसी शादी पहली बार नहीं हो रही है और पहले भी हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों के बीच में शादियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चों की खुशी के लिए यह शादी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक यशपाल बेनाम के करीबी लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा है कि उनकी बेटी लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ती है और जिस व्यक्ति से वह शादी करने जा रही है, उसके साथ उसका प्रेम प्रसंग है। मिली जानकारी के अनुसार, मोनिका और मोनिस लखनऊ में किसी विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान संपर्क में आए थे।


इस संबंध में यशपाल बेनाम या उनके परिजनों ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया, हालांकि परिवार के करीबी लोगों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि पौड़ी के निकट घुड़दौड़ी में हशवन नामक रिजॉर्ट में विवाह समारोह होगा और इसमें आमंत्रित मेहमानों की सूची में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के अलावा प्रदेश के अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि विवाह कार्यक्रम के लिए यशपाल बेनाम की पत्नी उषा रावत की ओर से मेहमानों को न्यौता भेजा जा रहा है।


इस बीच, यह मुद्दा सोशल मीडिया पर सनसनी का रूप लेता जा रहा है। तमाम यूजर्स इस मुद्दे पर अपनी अपनी राय रख रहे हैं और इसे दोनों पक्षों का निजी मामला बताते हुए राजनीतिक दलों से दूर रहने के लिए कह रहे हैं। लेकिन देवभूमि उत्तराखंड में यह मामला अब राजनीतिक रूप भी लेता जा रहा है। मामला चूंकि भाजपा नेता से जुड़ा हुआ है इसलिए सत्तारुढ़ पार्टी खुल कर इस पर कुछ कह नहीं पा रही है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि पार्टी के संज्ञान में ऐसा कोई मामला अभी नहीं आया है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा जबरन धर्मांतरण और 'लव जिहाद' का हर हाल में विरोध करती है।


हम आपको यह भी बता दें कि यशपाल बेनाम पहले कांग्रेस में थे और 2003 में पहली बार नगर पालिका पौड़ी के अध्यक्ष बने थे। वर्ष 2007 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वह पौड़ी से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़े और विधायक बने। वर्ष 2013 में वह पुनः नगर पालिका अध्यक्ष बने और वर्तमान में वह भाजपा नेता के तौर पर तीसरी बार नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं।

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