By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 09, 2021
प्रदूषण को लेकर देश भर में बनारस की किरकिरी होती रही है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। महापौर मृदुला जायसवाल व नगर आयुक्त गौरांग राठी ने मंगलवार को जिन परियोजनाओं पर मुहर लगाई है संभावना जताई जा रही है कि इससे शहर प्रदूषण मुक्त हो जाएगा। शहर में प्रदूषकों की मात्रा कम करने के लिए 15वें वित्त से 101 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है। तय हुआ कि शहर के 11 पार्कों को ऐसे विकसित किया जाएगा जहां पहुंचने पर लोगों को जंगल का भान हो। जलखाता को शुद्ध करने के लिए रानी ताल का चयन हुआ है जिसका विकास पर्यटन के लिहाज से किया जाएगा। शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बीएचयू सहयोगी संस्था आईईएमडी से राय ली जाएगी जबकि निगरानी का काम प्रदूषण नियंत्रण विभाग उप्र करेगा। इसके लिए सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर के बगल में नगर निगम की जमीन पर एक जांव लैब बनाई जाएगी जहां प्रदूषकों की मात्रा की मापी जाएगी। इस लैब को सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता कर रहीं महापौर मृदुला जायसवाल ने बताया कि अब जो भी विकास कार्य होंगे उसमें प्रदूषण को केंद्र में रखकर किया जाएगा। शहर में वानिकी क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसके लिए सड़कों के किनारे के अलावा पुरानी जीटी रोड समेत अन्य पर मध्य में बने डिवाइडर को आधार बनाकर पौधारोपण किया जाएगा। कोई भी सड़क बनेगी तो इंड से इंड तक पक्की की जाएगी। इसके लिए नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के अलावा वाराणसी विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए 49 करोड़ व ठोस अपशिष्ट व जल प्रबंधन के लिए 52 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाल बच्चू सिंह, अधियाासी अभियंता लोक निर्माण विभाग सुग्रीव राम, अधिशासी अभियंता वीडीए अनिल कुमार दुबे, डीएफओ महावीर कौजलगि, अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा, मुख्य अभियन्ता नगर निगम एसपी सिंह, जीएम जलकल रघुवेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।