इस दीवाली उपहार देते वक्त रखें वास्तु के इन नियमों ध्यान

By मिताली जैन | Nov 05, 2018

दीवाली के उत्सव पर उत्साह व उमंग के बीच अपनों के प्रति प्रेम दर्शाने के लिए लोग उपहारों का आदान−प्रदान करते हैं। यह एक तरीका है खुशियों को बांटने व आपसी संबंधों की डोर को मजबूत बनाने का। यूं तो व्यक्ति उपहार स्वरूप अपनी खुशी से चीजें देता हैं लेकिन अगर इन्हें देने से पहले वास्तु के नियमों का ध्यान रखा जाए तो इससे घर में खुशियों के साथ−साथ सकारात्मकता का भी आगमन होता है। तो चलिए जानते हैं दीवाली पर उपहारस्वरूप क्या दिया जाए और किन बातों का रखा लाए ध्यान−


दे ऐसे उपहार

अगर दीवाली पर उपहार देने की बात हो तो प्रकाश के इस उत्सव पर दीए व कैंडल्स आदि से बेहतर और क्या हो सकता है। इसके अतिरिक्त अगर आप शोपीस गिफट करने का मन बना रहे हैं तो बेल्जियम ग्लास व क्रिस्टल ग्लास के बने हुए शोपीस ही दें। इस तरह के शोपीस न सिर्फ सकारात्मकता बढ़ाते हैं, बल्कि आपसी संबंधों को भी प्रगाढ़ बनाते हैं।

 

मंगलमय हो दीवाली

किसी को उपहार देने का मुख्य ध्येय हर किसी के लिए दीवाली को मंगलमय करना होता है। ऐसे में आप अपने किसी प्रियजन को क्रिस्टल, पीतल, चांदी, मिट्टी व अन्य किसी धातु का मंगल कलश लाल कपड़े में लपेटकर व उसके उपर नारियल रखकर दें। इस तरह आप अपनी शुभकामनाएं अपनों को उपहार में देते हैं।

 

खाने का सामान

दीवाली पर खाने का सामान जैसे फल, मिठाई व नट्स आदि भी गिफट के रूप में दिया जाता है। अगर आप भी ऐसा ही कुछ प्लॉन कर रहे हैं तो ऐसी चीजें उपहार में दें जो सेहत के लिहाज से बेहतर हों जैसे नट्स या फल आदि देना अच्छा विचार है। 

 

यह भी हैं ऑप्शन 

इन सबके अतिरिक्त कुछ खास चीजें जैसे बन्दनवार, वॉल क्लॉक, खिलौने, कपड़े, अरोमा कैंडल्स, छह या सात पाइप वाली विंड चाइम्स, लाफिंग बुद्धा, ग्लॉस व स्टील की बनी क्रॉकरी, पेन का जोड़ा, पर्स आदि उपहास्वरूप दिया जा सकता है। लेकिन पर्स देते समय ब्लैक रंग से ही परहेज करें।

 

भूलकर भी न दें ऐसी चीजें

यूं तो उपहारस्वरूप देने के लिए बहुत से ऑप्शन्स आपके पास मौजूद हैं लेकिन फिर भी ऐसी कुछ चीजें हैं, जिन्हें भूल से भी उपहार में नहीं देना चाहिए। इससे संबंधों में नकारात्मकता व खटास पैदा होती है। उदाहरण के तौर पर, आप गरीबों या अपनों को खाना खिला रहे हैं तो नॉन−वेज न दें। भोजनस्वरूप सब्जी, पूरी व मिठाई आदि दिया जा सकता है। साथ ही भोजन स्वरूप कड़वी व खट्टी चीजें न दें।

 

दीवाली पर लक्ष्मी−गणेश व ईश्वर की मूर्तियां देने का भी चलन है लेकिन ईश्वर की प्रतिमा उपहार में देते समय उसके मुख के स्थान पर पूरी प्रतिमा व तस्वीर ही दें।

 

अगर आप कपड़े उपहारस्वरूप दे रहे हैं तो फेडेड, कटी−फटी जींस, रूमाल आदि बिल्कुल भी न दें। इस तरह के उपहार वास्तु अनुसार उचित नहीं माने जाते।

 

सिर्फ दीवाली ही नहीं, बल्कि किसी भी अवसर पर एनिमल पार्टस की बनी हुई चीजें जैसे लेदर या दांत, पंजे, सींग, हडि्डयों व पंख आदि बनी हुई चीजें किसी को कभी नहीं देनी चाहिए। डेडबॉडी के पार्ट से बनी हुई चीजें अपने साथ सिर्फ और सिर्फ नकारात्मकता साथ लेकर आती है।

 

फेंगशुई व वास्तु में ऐसी चीजें उपहार में देनी नहीं चाहिए जो काटने या चुभन का अहसास कराती हों, जैसे शेविंग ब्लेड, चाकू या कैंची आदि। इस तरह की चीजें संबंधों में कटुता लाने का काम करती हैं। इसलिए ऐसी चीजों को उपहार में न दें।

 

मिताली जैन

 

वास्तु विशेषज्ञ व फेंगशुई एक्सपर्ट डॉ. आनंद भारद्वाज से बातचीत पर आधारित

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