उपराष्ट्रपति का लोगों से अनुरोध, न तो कोई भाषा थोपिए और न ही किसी भाषा का विरोध कीजिए

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 20, 2019

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को लोगों से किसी भी भाषा का न तो विरोध करने और न हीं उसे थोपने की अपील की तथा यथासंभव अधिकाधिक भाषाएं सीखने की वकालत की। नायडू ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब कुछ दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि हिंदी को साझी भाषा होनी चाहिए। शाह के इस बयान से राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था।

 

उपराष्ट्रपति के सचिवालय से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज लोगों से यथासंभव अधिकाधिक भाषाएं सीखने की अपील की और कहा कि न तो कोई भाषा थोपी जानी चाहिए और न ही किसी खास भाषा का विरोध किया जाना चाहिए।’’ वैसे शाह ने बाद में कहा था कि उन्होंने देश में स्थानीय भाषाओं के ऊपर हिंदी थोपने की बात कभी नहीं कही थी और उन्होंने दूसरी भाषा के रूप में उसके उपयोग की वकालत की।

इसे भी पढ़ें: NRC का बचाव करते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा, भारत कोई धर्मशाला नहीं है

नायडू ने यहां स्कूली विद्यार्थियों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए यह भी कहा कि मातृभाषा को बढ़ावा देने पर बल दिया जाना चाहिए लेकिन अन्य भाषाएं भी सीखनी चाहिए। यात्रा को शिक्षा एवं अनुभव का एक अच्छा माध्यम करार देते हुए उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को देश की विरासत, भाषाओं, पाक कलाओं का परिचय पाने और उसकी अनोखी सांस्कृतिक ताने-बाने पर अपनी समझ बढ़ाने के लिए सभी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की सलाह दी।

 

प्रमुख खबरें

IPL 2024 CSK vs PBKS: पंजाब किंग्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को दी शिकस्त, स्पिनरों का शानदार प्रदर्शन

Travel Tips: हनीमून का बना रहे हैं प्लान तो भूलकर भी न जाएं ये जगह, धूप और पसीने से खराब हो जाएगी हालत

Pakistan : सुरक्षाबलों ने तहरीक-ए-तालिबान के दो आतंकवादियों को मार गिराया

मतदान प्रतिशत बढ़ने पर Mamata ने जताई चिंता, EVM की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए