By दिव्यांशी भदौरिया | Feb 10, 2025
साल में कुल 24 एकादशी की तिथि पड़ती है और हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत की तिथि पड़ती है। विजया एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि मनाई जाएगी। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है औऱ इस दिन श्री हरि की विधिवत रुप से पूजा की जाती है। अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो यह दिन सबसे महत्वपूर्ण है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत करने से साधक की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। आइए आपको बताते हैं विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, आरती और व्रत का पारण का समय।
किस दिन विजया एकादशी पर रखा जाएगा व्रत
पंचांग अनुसार, 24 फरवरी 2025 को विजया एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
जानिए शुभ मुहूर्त
- एकादशी तिथि का आरंभ- 23 फरवरी 2025 को 1.55 पी एम।
- एकादशी तिथि समाप्त- 24 फरवरी 2025 को 1.44 पी एम।
- 25 फरवरी को व्रत को पारण करने का समय- 06.50 ए एम से 9.08 ए एम
- पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त का समय - 12.47 पी एम
पूजा-विधि
- सबसे पहले सूर्योदय से पहले स्नान करके मंदिर की साफ-सफाई कर सकते हैं।
- भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें।
- अब श्री हरि को पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक कर सकते हैं।
- इसके बाद भगवान विष्णु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें।
- अब मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- यदि संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प जरुर करें।
- विजया एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की आरती करें।
- आखिर में भगवान को तुलसी दल सहित भोग लगाएं।
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें।