बीजद ने मुझे दरकिनार किया, अपमानित किया: बैजयंत पांडा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 21, 2018

नयी दिल्ली। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के पूर्व नेता बैजयंत जय पांडा ने आरोप लगाया है कि पार्टी की समस्याओं को सार्वजनिक रूप से उठाने को लेकर उन्हें बीजद समर्थकों ने अपमानित किया और उनके साथ मारपीट भी की। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है। पांडा ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने अपने नेताओं को उनके पिता एवं उद्योगपति बंशीधर पांडा की अंत्येष्टि में शामिल होने से रोक दिया था , जबकि उनके पिता राजनीति में नहीं थे और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक के एक करीबी मित्र रहे थे।

उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख का नहीं पहुंचना कुछ और चीज है लेकिन अन्य लोगों को आने से रोकना संकीर्ण मानसिकता को दिखाता है। उन्होंने एक साक्षात्कार में पार्टी छोड़ने की वजह के बारे में बताया कि पिछले साल पंचायत चुनाव में बीजद को जब शिकस्त का सामना करना पड़ा था , तब उन्होंने पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक से आत्मावलोकन करने के लिए सार्वजनिक रूप से कहा था।

बीजद के संस्थापक सदस्य और सांसद पांडा (54) ने कहा कि इसके बाद उन्होंने भी पार्टी की स्थिति का विश्लेषण करना और पार्टी की संसदीय कमेटी जैसे मंचों पर इसकी समस्याओं के बारे में बोलना तथा उसके समाधान की मांग करना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि पांडा को पिछले साल बीजद से निलंबित कर दिया गया था और उन्होंने औपचारिक तौर पर पिछले महीने पार्टी छोड़ दी।

 

उन्होंने कहा कि आत्मावलोकन करने के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए थी लेकिन इसके बजाय पार्टी ने उन्हें निशाना बनाया। उन्होंने कहा, ‘मुझे दरकिनार कर दिया गया, मेरे साथ अपमाजक व्यवहार किया गया और मेरे साथ मारपीट की गई।’ उन्होंने कहा, ‘इसके दो दिन बाद, मुझ पर हमला किया गया। लोगों ने देखा कि मुझ पर पत्थर और अंडे फेंके गए, लेकिन पुलिस वहां मूकदर्शक बनी रही।’ लेकिन किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया और विधानसभा में एक विधायक के इस बारे में सवाल पूछे जाने तक चार महीने के दौरान कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में किसी को गिरफ्तार किया गया और उसी दिन उसे छोड़ भी दिया गया।

 

उन्होंने कहा, ‘इससे स्पष्ट है कि पार्टी किसी भी हद तक जा सकती है।’ पांडा ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफे की पेशकश की है जिसे सदन की स्पीकर द्वारा मंजूर किया जाना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक का तीन शुरूआती कार्यकाल अच्छा रहा, जब उन्होंने भ्रष्टाचार के हल्के फुल्के आरोप को लेकर भी कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया और आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। लेकिन उनके चौथे कार्यकाल में चीजें बदलने लगी। पिछले चार साल में भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

 

पांडा ने कहा कि यदि आप राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों को देखेंगे, तो पाएंगे कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध में राष्ट्रीय स्तर पर 19 फीसदी वृद्धि हुई है, जबकि ओडिशा में यह 50 फीसदी बढ़ी है।

 

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