By अंकित सिंह | Aug 01, 2025
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को सदन के वेल में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी पर कड़ी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों को मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है। इसको लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन के उपसभापति को पत्र लिखकर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान सदन के अंदर सीआईएसएफ कर्मियों की मौजूदगी पर चिंता जताई है। सभी विपक्षी दलों की ओर से लिखते हुए, खड़गे ने कहा, "हम इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि जिस तरह से सीआईएसएफ कर्मियों को सदन के वेल में दौड़ाया जा रहा है, जबकि सदस्य विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।"
खड़गे ने आगे कहा कि हमने इसे कल और आज भी देखा। क्या हमारी संसद इस स्तर तक गिर गई है? यह बेहद आपत्तिजनक है और हम इसकी स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। खड़गे ने आगे मांग की कि उपसभापति यह सुनिश्चित करें कि जब भी सदस्य जनहित के मुद्दे उठाएँ, सीआईएसएफ कर्मी सदन के वेल में न आएँ। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के अचानक और अभूतपूर्व इस्तीफे के बाद, अब हम राज्य सभा के सदन पर सीआईएसएफ के जवानों का कब्ज़ा देख रहे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने इस चौंकाने वाले घटनाक्रम पर राज्यसभा के उपसभापति को पत्र लिखा है।
वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद सदस्यों की मांग थी कि सुरक्षा बढ़ाई जाए, इसलिए सीआईएसएफ को तैनात किया गया। सदन के अंदर, सदस्यों ने कभी-कभी सत्ता पक्ष की मेज के ऊपर और वेल के पास शारीरिक रूप से खड़े होकर प्रदर्शन किया। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए सुरक्षा तैनात की गई है। किसी भी सांसद को बोलने से नहीं रोका जाएगा। सदन के अंदर मार्शल और सुरक्षाकर्मी तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे जब तक सांसद कोई दुर्भावनापूर्ण कार्य नहीं करते। कुछ सांसद आक्रामक हो गए, इसलिए उन्हें रोकने के लिए व्यवस्था की गई।