By अभिनय आकाश | Nov 27, 2025
बीते दिनों की ही बात है भारत ने अपना 76वां संविधान दिवस मनाया है। लेकिन अगर किसी देश में संविधान खत्म हो जाता है तो उसका हाल पाकिस्तान की तरह होता है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री 73 वर्ष के इमरान खान की मौत की अफवाहएं पूरी दुनिया में फैली हुई हैं। पाकिस्तान में भी यही बात हो रही है। यानी इमरान खान जिंदा है या उनकी मौत हो चुकी है इस पर एक सस्पेंस बना हुआ है और लगातार उनकी मौत की अफवाहें फैली हैं। पहले भी खबरें आई थी कि उनके साथ बदसलूकी हो रही है। उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है। कुछ महीने पहले देखा था कि इमरान खान के साथ जेल में रेप हो गया। उनका बलात्कार कर दिया गया। यह खबर भी फैलाई गई थी। इंडियन मीडिया में भी चली थी। वैसे तो पाकिस्तान का इतिहास जेल में मारने का रहा है। पाकिस्तान में सियासतदानों को तो हैरानी नहीं होगी या पाकिस्तान में जैसे बलोचों को गायब कर दिया जाता था वैसे इमरान को गायब कर दिया गया। पाकिस्तान के पूर्व वर्ल्ड चैंपियन कैप्टन और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर वो सिर्फ अफवाहों से नहीं उठ रहे हैं। यह उठे हैं उस डर से जो पैदा होता है जब एक देश अपने मुल्क में सबसे पॉपुलर व्यक्ति को जेल में डाल लेता है। और फिर उसके बारे में जानकारियां छिपाने लगता है। जब एक मुल्क लोकतांत्रिक प्रक्रिया से नहीं बल्कि फौज की तानाशाही से चलता है। यह सवाल तब पैदा होते हैं और यह सवाल उठ रहे हैं कि इमरान खान कहां है? एक महीना बीत गया। सिर्फ चुप्पी बची है। एक महीने से ना परिवार को मुलाकात दी गई ना वकीलों को। अदालत ने तो आदेश दिया था मिलने दो। लेकिन जेल प्रशासन ने आदेश को ऐसे दबा कर रखा है जैसे इमरान खान कोई कैदी नहीं बल्कि कोई राज हो। जिसे बाहर आने देना देश की सुरक्षा के खिलाफ हो।
26 नवंबर को एक सोशल मीडिया पर पोस्ट आता है और इस पोस्ट के आते ही पूरे पाकिस्तान में कोहराम मच जाता है। अफगानिस्तानी मीडिया की तरफ से अफगानिस्तान टाइम्स एक पोस्ट डालती है। इस पोस्ट में यह लिखा था इस न्यूज़ पेपर ने यह दावा किया कि पाकिस्तान के हाईली मतलब भरोसेमंद सोर्स से उन्हें यह जानकारी मिली है कि पाकिस्तान के एक्स प्राइम मिनिस्टर पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व वजीर आजम पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेटर तहरीक इंसाफ पार्टी यानी टीआईपी के लीडर प्रेसिडेंट इमरान खान की रावलपिंडी के अडियाला जेल के अंदर हत्या कर दी गई है। ये पोस्ट जैसी आई तो जाहिर सी बात है हंगामा तो हो नहीं था। अब इमरान खान की पार्टी के तमाम कार्यकर्ता भी रावलपिंडी में अडियाला जेल के बाहर पहुंचने लगे। और यह रावलपिंडी की वही अडियाला जेल है जहां पिछले ढाई सालों से इमरान खान बंद है। उनके ऊपर करप्शन और बाकी बहुत सारे मामले लगाए गए जिसकी वजह से वो जेल में है।
मरान खान जेल गए तो अदालत ने बाकायदा एक ऑर्डर पास किया था। ऑर्डर यह कि महीने में दो या तीन बार इमरान खान को उनके फैमिली मेंबर और उनके लॉयर वकीलों से मिलने दिया जाए और अब तक कोर्ट के इस आदेश का पालन हो रहा था। इमरान खान की फैमिली के मेंबर, उनकी बहने जाती थीं। उनके पार्टी के भी कार्यकर्ता, उनके वकील और उन्हीं के जरिए कई बार जब वह मिलने जाते तो इमरान खान कुछ अपना मैसेज या पैगाम देते जो वो बाहर आकर इमरान खान के सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट पर डाल देते थे। लेकिन अचानक नवंबर फर्स्ट वीक में एक मुलाकात हुई इमरान खान के अपने वकील के साथ और उसके बाद तीन हफ्ते बीत गए।
करीब 22 दिन से किसी भी परिवार वालों को किसी को मिलने की इजाजत नहीं। और ना जेल के अंदर से इमरान खान की कोई खबर। अब तीन हफ्ते हो गए, 22 दिन हो गए। और ऐसा पहली बार हुआ जब से इमरान खान गिरफ्तार हुए जेल के अंदर है कि इतने लंबे वक्त तक कोई मिला नहीं यहां तक कि वकील नहीं मिला तो अब फिक्र तो होगी तो इमरान खान की तीनों बहनें इसी मांग को लेकर कि हमें अपने भाई से मिलने की इजाजत दे इसी रावलपिंडी के अडियाला जेल के बाहर धरने पर बैठ गए। पाकिस्तान के अदियाला जेल के बाहरइमरान की बहनों और पीटीआई कार्यकर्ताओं पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इमरान की बहनें नरीन खान, अलीमा खान और उजमा खान पिछले तीन हफ्तों से अपने भाई से मुलाकात की मांग कर रही थीं। नरीन ने पंजाब पुलिस प्रमुख उसमान अनवर को पत्र लिखकर पूरी घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है। इमरान की हत्या की अफवाहों के बीच वे लगातार इमरान से मिलने देने की गुहार लगा रही हैं।
इमरान की बहन नोरीन नियाजी ने आरोप लगाया कि पुलिस का यह व्यवहार पिछले तीन साल से बेकसूर नागरिकों के खिलाफ हो रही कार्रवाई का एक चिंताजनक पैटर्न दिखाता है। पाकिस्तान सरकार ने पिछले एक महीने से इमरान खान से मुलाकात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। इमरान अगस्त 2023 से जेल में है। कुछ समय पहले खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया था।
एक थ्योरी है कि इमरान खान को रात में उस जेल से शिफ्ट कर दिया गया। दयाला जेल से। किस जेल में पता नहीं। सुरक्षा के नाम पर कोई जानकारी तो आएगी नहीं। सरकार कह रही है सब अफवाह है। हालांकि गायब करने वाली थ्योरी भी पूरी तरह गलत नहीं हो सकती। पाकिस्तान में नॉर्मल है। ऐसी जगह ले जाओ जहां ना मीडिया हो, ना चश्मदीद ना जानकारी। ऐसा बलोचों के साथ किया जाता है। संपर्क रोक दो, मुलाकात बंद कर दो। इसके अलावा यह भी आ रही है कि जनता की प्रक्रिया क्या नापी जा रही है? ये थ्योरी खतरनाक है कि सेना देख रही है कि इमरान खान के गायब होने पर कितना उबलता है गुस्सा। क्या पाकिस्तान में हिंसा भड़कती है, लोग सड़कों उतरते हैं। कितने शहर बंद होते हैं? अगर प्रतिक्रिया कमजोर होती है तो सेना समझ जाएगी कि सही समय है। अगर प्रतिक्रिया बहुत तेज आती है तो सेना के लिए आसान है। कह देगी देखो भाई देश में नफरत फैली है। ये तो जिंदा है। ये वही रणनीति जो तानाशाही सरकारें अपनाती है। माहौल देखो फिर कदम उठाओ। पाकिस्तान की सेना में तख्तापलट, राजनीतिक हत्याओं, नेताओं गायब करने का अनुभव पहले दिखाया है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई मतलब बहुत ही पावरफुल पोस्ट। कहते हैं आईएसआई के चीफ से पाकिस्तान का प्राइम मिनिस्टर भी पंगा नहीं लेता। क्योंकि उसके हाथ में बहुत कुछ होता है। जैसे पाकिस्तानी आर्मी चीफ कहते हैं पाकिस्तान में जो भी आईएसआई का चीफ बनता है वो एक दिन पाकिस्तानी सेना का चीफ जरूर बनता है और इसीलिए वो पाकिस्तानी आईएसआई में से होते हुए वहां तक पहुंचता है ये इतिहास से और मोस्ट पावरफुल। तो जब आसिम मुनीर पाकिस्तानी आईएसआई का चीफ बना उसी वक्त इमरान खान पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर बन गए। इमरान खान ने पहली बार पाकिस्तान की जनता के सामने फौज आईएसआई पर उंगली उठाई थी। आरोप लगाया था कि आसिम मुनीर ने सरकार गिराई। कहा था कि देश सरकार विदेश चलती है। फौज चलाती है। अब ये बात जनरल तानाशाहों को थोड़ी ना बर्दाश्त होती है। इससे पहले जिन्होंने किया हमने बताया। जुल्फिकार भुट्टो फांसी चढ़ा दिए गए थे। नवाज शरीफ की सरकार हटा दी गई थी। अब अगला नाम शायद इमरान खान का हो।
पाकिस्तान मानवाधिकार संस्थान के मुताबिक, यहां के जेलों में कैदियों से बर्बरता और अधिकारों का हनन आम बात है। यहां की जेलों में क्षमता से 3 गुना ज्यादा कैदी हैं। सर्वे में 74% कैदियों ने बताया कि उन्हें पीटा जाना एक आम बात है सभी कैदियों ने यह भी माना है कि जेल में पैसे वसूले जाते हैं।