क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और कैसे उठाएं इसका लाभ?

By अंकित सिंह | Oct 18, 2019

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना चलायी गयी है। पहले इस योजना को मातृत्व सहयोग योजना कहा जाता था। इस योजना को 2010 में इंदिरा गांधी मातृ सहयोग योजना (IGMSY) के रूप में शुरू किया गया था। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इसका नाम बदलकर मातृ सहज योजना किया और बाद में1 जनवरी 2017 में इसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के नाम से पूरे देश में लागू कर दिया गया। इस योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है। यह योजना देश के विभिन्न राज्यों में भी लागू है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना होता है ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल कर सकें।

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इस योजना को 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चलाया जाता है। इस योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला व माताओं को ₹6000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता राशि सीधे उनके खाते में जाती है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की मानें तो पहले महिलाओं के लिए चलाई जाने वाली योजनाएं बहुत ज्यादा सफल नहीं हो पाती थीं क्योंकि इसके लिए जो जागरूकता चाहिए था वह नहीं होती थी। हालांकि 2017 के बाद प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत इसे लोकप्रिय बनाने की कोशिश की गई है। इसके बारे में आशा और तमाम समाज सेवी संगठनों के जरिए लोगों को जागरूक किया जाता है। वर्ष 2019 के सितंबर में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से यह दावा किया गया है कि इस योजना के तहत कुल 4000 करोड़ से अधिक की राशि लाभार्थियों को वितरित कर दी गई है।

 

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उददेश्य?

गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल और संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना।

महिलाओं को पहले छह महीनों के लिए प्रारंभिक और विशेष स्तनपान और पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना।

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किसे मिलेगा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

सभी गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताएं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने के लिए पात्र मानी गई हैं। योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि महिला की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। हां, एक बात ध्यान करने वाली यह है कि सरकारी कर्मचारी, किसी अन्य कानून से लाभ पा रही प्राइवेट कर्मचारी या फिर पहले सभी किस्तें पा चुकी महिला को इसके लाभ से वंचित रहना होगा। सरकारी कर्मचारी की सेवाशर्तों में वेतन सहित मातृत्व अवकाश जैसे लाभ पहले से ही जुड़े होते हैं जबकि प्राइवेट संस्थान में काम करने वाली महिला अगर किसी अन्य कानून के तहत मातृत्व लाभ की सुविधा प्राप्त कर रही है तो वह भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त नहीं कर सकती है। साथ ही साथ किसी अन्य योजना का लाभ ले रही या फिर इसी योजना के तहत लाभ ले चुकीं महिलाओं को भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से वंचित रहना पड़ सकता है। कुछ निश्चित श्रेणियों को छोड़कर (नीचे उनका जिक्र किया गया है), आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका और आशा इस योजना का लाभ ले सकती हैं।

 

तीन किस्तों में मिलती है मदद राशि

पहली किस्त- यह किस्त ₹1000 की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण के समय प्रदान की जाती है।

दूसरी किस्त- इस किस्त को गर्भावस्था के 6 महीने बाद और प्रसव के पहले दिया जाता है। दूसरी किस्त में लाभार्थी को ₹2000 मिलते हैं।

तीसरी किस्त- तीसरी किस्त बच्चे के जन्म और उसके पंजीकरण तथा तमाम टीकाकरण के प्रथम चक्र पूरा होने पर मिलती है। इसके तहत लाभार्थी को ₹2000 दिए जाते हैं।

 

हां, ₹1000 का अतिरिक्त लाभ जननी सुरक्षा योजना के तहत महिला को प्रसव के ही दौरान दे दिया जाता है।

 

कैसे करें आवेदन

आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन किया जाता है। महिलाएं वहां जा कर इस योजना के लिए पंजीकरण करा सकती हैं। 

स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर भी इस योजना के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है। इसमें आशा कार्यकर्ता मदद करती हैं। 

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आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

आधार कार्ड की फोटोकॉपी

बैंक या पोस्ट ऑफिस खाता की पासबुक

आधार न होने पर पहचान संबंधी अन्य विकल्प

पीचएसी या सरकारी अस्पताल से जारी स्वास्थ्य कार्ड

सरकारी विभाग/कंपनी/संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र

 

- अंकित सिंह

 

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