Sapinda Marriage: आखिर क्या है सपिंड विवाह? भारत में इसको लेकर नियम और कानून

By दिव्यांशी भदौरिया | Aug 30, 2024

सपिंड विवाह का मतलब है कि एक ऐसी शादी, जहां व्यक्ति अपने नजदीकी रिश्तेदारों से विवाह कर लेते हैं। भारत हिंदू मैरिज एक्ट के तहत ऐसी शादियों को मान्य नहीं माना जाता है। सपिंड का अर्थ है कि एक ही खानदान के लोग, जो एक ही पितरों का पिंडदान करते हैं। आजादी के बाद जब भारत में 1950 में सविधान लागू हुआ था तो इसमें देश के नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार दिए गए थे। इसी के साथ इसमें शादी के अधिकार भी दिए गए थे। इसका मतलब है कि आप अपनी मर्जी से किसी भी जाति व धर्म के व्यक्ति से शादी कर सकते हैं लेकिन सपिंड विवाह मामले में आजादी नहीं दी गई थी।

क्या है सपिंड विवाह

सपिंड विवाह का मतलब आसान शब्दों में एक ही पिंड के शादी। हिंदू मैरिज एक्ट 1955 की धारा 3(f)(ii) के अनुसार, "दो व्यक्ति एक दूसरे के सपिंड कहलाते हैं यदि उनमें से एक सपिंड संबंध की सीमाओं के भीतर दूसरे का वंशज है, या यदि उनका एक ही वंशज है जो उनमें से प्रत्येक के संदर्भ में सपिंड संबंध की सीमाओं के भीतर है।"

HMA के अनुसार, माता की ओर से, एक हिंदू व्यक्ति "वंशावली" में अपनी तीन पीढ़ियों के भीतर किसी से भी विवाह नहीं कर सकता है। पिता की ओर से, यह निषेध व्यक्ति की पाँच पीढ़ियों के भीतर किसी पर भी लागू होता है।

सरल शब्दों में, इसका मतलब है कि अपनी मां की ओर से, कोई व्यक्ति अपने भाई-बहन (पहली पीढ़ी), माता-पिता (दूसरी पीढ़ी), दादा-दादी (तीसरी पीढ़ी) या किसी अन्य व्यक्ति से विवाह नहीं कर सकता है जो तीन पीढ़ियों के भीतर इस वंश को साझा करता हो।

अपने पिता की ओर से, यह निषेध उनके दादा-दादी के दादा-दादी के साथ-साथ इस वंश की पांच पीढ़ियों के भीतर किसी पर भी लागू होगा।

अगर शादी की तो होगी सजा

यदि कोई विवाह सपिंड विवाह होने के कारण धारा 5(v) का उल्लंघन करता पाया जाता है, और कोई भी स्थापित प्रथा इस आचरण की अनुमति नहीं देती है, तो इसे अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। इसका अर्थ यह होगा कि विवाह शुरू से ही अमान्य था और इसे ऐसे माना जाएगा जैसे कि यह कभी हुआ ही नहीं।

प्रमुख खबरें

ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर BJP अध्यक्ष पंकज चौधरी नाराज, बताया नकारात्मक राजनीति, दी यह नसीहत

अल्पसंख्यकों पर हमला अस्वीकार्य: Chief Minister Stalin

Health Tips: कम चीनी बच्चों को देती है स्वस्थ भविष्य, दिल की बीमारियों से मिलेगी मुक्ति

Punjab के मुख्यमंत्री मान ने गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका