Gyan Ganga: क्या था भगवान शंकर के गले में लटकी एक सौ आठ नरमुंडों की माला का रहस्य?

By सुखी भारती | Mar 27, 2025

भगवान शंकर देवी पार्वती को अमरनाथ गुफा में लेकर, आध्यात्म के गूढ़ रहस्यों से पर्दा हटा रहे हैं। वे देवी पार्वती के माध्यम से, समस्त मानव जाति को भक्ति का शाश्वत संदेश देना चाहते हैं। आज की यह रात्रि, केवल बाहरी रुप से ही रात्रि नहीं थी। अपितु बोद्धिक स्तर भी अज्ञान की रात्रि थी। बाहरी रात्रि का नाश जैसे सूर्य अथवा अन्य प्रकाश स्रोत से होता है। ऐसे ही अज्ञान का नाश ब्रह्म ज्ञान के प्रकाश से होता है।


देवी पार्वती से भगवान शंकर पूछ रहे हैं, कि क्या वे मानती हैं, कि मैं भगवान हूं, अथवा एक साधारण तपस्वी हूं? रावण मुझे क्यों नहीं समझ पाया। उसने भी कोई कम कठोर तप नहीं किया था। वह भी महान तपस्वी था। उसने भी मुझे दसों बार अपना सीस काट कर चढ़ाया था। क्या पार्वती भी रावण की अज्ञानता वाली श्रेणी की तो नहीं थी?


इसके प्रतिउत्तर में देवी पार्वती ने कहा था, कि वह भोले नाथ को साक्षात ईश्वर के रुप में ही देखती है। तब भगवान शंकर बोले-हे पार्वती! तुम्हारे पास क्या मापदण्ड हैं, कि मैं ही ईश्वरीय अवतार हुँ। संसार में अपनी-अपनी बुद्धि अनुसार, मेरा कद मापने के, सबके अपने-अपने अनेकों आधार हो सकते हैं। लेकिन जो शाश्वत मार्ग शास्त्रें बताया गया है, क्या उस आधार पर किसी ने मुझे तोला है?

इसे भी पढ़ें: Gyan Ganga: भगवान शंकर के दिव्य श्रृंगार का गोस्वामी तुलसीदास ने बहुत सुंदर वर्णन किया है

देवी पार्वती सोच में पड़ गई, कि शास्त्रें में ऐसी कौन सी विधि लिखी रह गई, जो हमारे सुनने में नहीं आई? अब क्योंकिे देवी पार्वती अपने पूर्व जन्म के कटु अनुभवों से आहत व भयाक्राँत थी, तो उन्होंने समर्पित होने में ही अपना कल्याण समझा। वे भगवान शंकर को समस्त पीड़ायों व उलझनों के समाधान हेतु, उनके श्रीचरणों में गिर गई।


तब भगवान शंकर प्रसन्न होकर बोले-हे देवी! तुम्हारे प्रेम व समर्पण से मेरा मन गदगद है। तुम्हारे निश्चल मन की भावना से उपजे भावों के कारण ही, संपूर्ण संसार को एक महान संदेश मिलने जा रहा है। जिसमें सबका कल्याण छिपा है।


वास्तव में मेरा रुप जो संसार अथवा तुम देखती हो, वह यह नहीं है। मेरा यह रुप तो नश्वर है। काल के आधीन है। किंतु यह भी सत्य है, कि मैं नश्वर व कालाधीन नहीं हुँ। अगर मेरे उस रुप को जानना है, तो बाहरी चर्म चक्षुयों, व बुद्धि से दिखाई देने वाला ज्ञान सार्थक नहीं है। क्योंकि मैं एक दिव्य व विराट प्रकाश रुप हुँ, तो उसे तुम्हारे इन बाहरी चक्षुयों से दृष्टिपात नहीं किया जा सकता। क्योंकि यह चक्षु तो माया रुपी संसार को देखने के लिए बनाये गये हैं। रावण भी सोचता था, कि मेरे पास तो बीस नेत्र हैं। भला मुझसे भगवान शंकर को देखने में कैसे गलती हो सकती है? मैं जगत के उस पार देख सकता हुँ, तो सामने भोले नाथ को देखने में भला मुझे क्या समस्या होगी?


बेचारा रावण! अज्ञानता के इसी भ्रम में मारा गया। उसे लगा ही नहीं, कि मेरा वास्तविक रुप यह नहीं है। हे देवी! सती रुप में भी तुमसे यही गलती हुई थी। तुम मुझे एक साधारण तपस्वी व मानव समझती रही। किंतु आज मैं चाहता हुँ, कि तुम मेरे अदृष्य व दिव्य रुप से परिचित हो। इसके लिए मैं तुम्हें दिव्य दृष्टि प्रदान कर रहा हुँ, जिसके माध्यम से तुम भीतर ही मुझे देख पाओगी।


तब भगवान शंकर ने देवी पार्वती के मस्तक पर हाथ रखा। उसी क्षण देवी पार्वती के सरीर में एक दिव्य शक्ति का संचार होता है। जिसके प्रभाव से देवी पार्वती उसी क्षण अपने भीतर अनंत व विराट प्रकाश का दर्शन करती हैं। सहस्त्रें सूर्यों का प्रकाश उदय हो जाता है। देवी पार्वती के बाहरी नेत्र तो बंद हैं। किंतु तब भी वे उस अनंत प्रकाश के दर्शन कर रही हैं, जिसे जन्मों जन्मों के प्रयास से देखना भी कठिन है।

तब भगवान शंकर बोले-हे पार्वती! अब तुम मुक्ति को प्राप्त होगी। यह जो मेरे गले में 108 नरमुण्ड़ों की माला है, इसमें अब तुम्हारे वर्तमान जीवन के मुण्ड़ शामिल नहीं होंगे। आश्चर्य मत करना देवी पार्वती। यह तुम्हारे ही नरमुण्ड़ हैं। तुमने हर जन्म में मेरी बाहर से भक्ति की। मुझे प्रसन्न करके, मुझे पति रुप में प्राप्त भी किया। किंतु मेरे बाहरी रुप की भक्ति कर, बाहरी सिद्धियों की प्राप्ति तो होगी, किंतु मोक्ष नहीं मिलेगा। पर आज की भाँति अगर कोई भी जिज्ञासु, गुरु के द्वारा, मुझे भीतरी जगत में प्राप्त करेगा, तभी उसे मोक्ष मिलेगा।


हे पार्वती! तुम्हारे पिछले एक सौ आठ जन्म हो चुके हैं। किंतु आज के बाद तुम्हारा कोई जन्म नहीं होगा। इसलिए इन नरमुण्ड़ों में भी अब कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। यही था मेरे गले में लटकी एक सौ आठ नरमुण्ड़ों की माला का रहस्य।


क्रमशः


- सुखी भारती

प्रमुख खबरें

DGCA ने उड़ान में व्यवधान के लिए IndiGo CEO को कारण बताओ नोटिस जारी किया

Pilibhit में Child Pornography Videos अपलोड करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज

Ghaziabad में SIR Campaign में शामिल BLO की “ब्रेन हेमरेज” से मौत

Chief Justice ने हरियाणा की जेलों में कौशल विकास और पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों का उद्घाटन किया