By अभिनय आकाश | Feb 28, 2022
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने रक्षा प्रमुखों को देश के परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रखने का आदेश दिया। यूएन की तरफ से कहा गया कि न्यूक्लियर वॉर की धमकी देना शर्मनाक है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर इन दिनों #nuclearwar खूब ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ ही भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी खूब याद आ रहे हैं। साथ ही याद किया जा रहा है उनकी बेबाक अंदाज में पाकिस्तान की हिमायत में अमेरिकी राष्ट्रपति के फोन कॉल का जवाब दिया जाना।
कारगिल युद्ध के दौरान
25 जुलाई 1999 की बात है। रात के करीब 10 बज रहे थे। फोन की घंटी लगातार बज रही थी। सामने बिस्तर पर सफेद कपड़ों में एक विराट शख्सियत वाले व्यक्ति आंखें मूंदे लेटे थे। जिनकी आंखें बेशक बंद थी। लेकिन उनके ख्यालों में एलओसी के पास की तोप और बंदूकों की छवि प्रस्तुत हो रही थी। इसकी वजह था कारगिल युद्ध जब भारत और पाकिस्तानी सेना के बीच एलओसी पर जंग छिड़ी हुई थी। फोन की लगभग तीसरी घंटी पर उन्होंने फोन उठाया तभी सामने से आवाज आती है- सर, आपके लिए अमेरिका से अर्जेंट कॉल है। ये कहकर कॉल ट्रांसफर की गई। हैलो के साथ उधर से एक गंभीर आवाज आई। क्या मैं अटल जी से बात कर रहा हूं? जवाब में इधर से उत्तर दिया गया- जी, हां मैं अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहा हूं। फिर सामने से कहा गया कि मैं अमेरिका का राष्ट्रपति बिल क्लिंटन बोल रहा हूं। अटल बिहारी वाजपेयी गंभीर हो गए क्योंकि वे जानते थे कि मामला गंभीर है। अटल जी ने गंभीरता के साथ कहा- कहिए।
क्लिंटन ने कहा- अटल जी आप कारगिल में युद्ध विराम की घोषणा कर दीजिए। अटल जी ने जवाब में कहा कि बिल्कुल कर दूंगा, लेकिन मैं ये जान सकता हूं कि क्या ये बात आपने नवाज शरीफ से कही है। उधर से थोड़ी देर की खामोशी के बाद क्लिंटन कहते हैं अटल जी पाकिस्तान ने भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी है। एक कठोर स्वर में अटल जी ने कहा- मैं आज बल्कि अभी से भारत की आधी आबादी को खत्म मानता हूं। लेकिन मैं आपको आश्वासन देना चाहूंगा कि पाकिस्तान कल का सूरज नहीं देख पाएगा। फिर फोन काट दिया गया। उसके बाद क्या हुआ हम सभी जानते हैं।