'कहाँ थे अरविन्द केजरीवाल जब धारा 370 हटाई गई थी?' उमर अब्दुल्ला का दिल्ली के सीएम पर तीखा हमला

By रेनू तिवारी | Jun 10, 2023

राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ शनिवार को अरविंद केजरीवाल कई विपक्षी दलों से मुलाकात कर रहे हैं। वह दिल्ली में अध्यादेश के लेकर समर्थन चाहते हैं। इसी विषय पर बात करने के लिए वह जम्मू कश्मीर भी पहुंचे थे। अरविंद केजरीवाल तो समर्थन मांगने गये थे लेकिन उमर अब्दुल्ला ने उन्हें ही आड़े हाथ ले लिया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा धारा 370 को निरस्त करने पर दिल्ली के सीएम के रुख पर सवाल उठाए गये। उन्होने सड़क पर आकर मीडिया से बात की। अरविंद केजरीवाल कई विपक्षियों से मिल रहे हैं। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने की आप की कोशिशों के बीच उमर अब्दुल्ला केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा।

 

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उमर अब्दुल्ला  ने सुनाई केजरीवाल को खरी खरी

उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अरविंद केजरीवाल तब कहां थे जब अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया था? लोकतंत्र की हत्या की जा रही थी। उन्होंने उस समय सरकार का समर्थन किया था और आज वह अन्य दलों से समर्थन मांग रहे हैं।" उन्होंने कहा कि धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ केवल कुछ ही पार्टियों ने आवाज उठाई थी। केवल ममता बनर्जी की पार्टी और डीएमके ने उनका समर्थन किया था। केजरीवाल नहीं आये थे हमारा साथ देने के लिए।


आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए गैर-बीजेपी दलों के नेताओं के पास पहुंच रहे हैं ताकि संसद में लाए जाने वाले विधेयक के जरिए इसे बदलने की केंद्र की कोशिश विफल हो जाए. अब तक केजरीवाल उद्धव ठाकरे, शरद पवार, अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन, एमके स्टालिन, सीताराम येचुरी, के चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार से मुलाकात कर चुके हैं।

 

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अध्यादेश विवाद क्या है?

केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया था, जिसे आप सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा बताया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंपे जाने के एक सप्ताह बाद यह अध्यादेश आया। यह DANICS कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करना चाहता है। शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी नियंत्रण में थे।

 

कश्मीर विवादित क्यों है?

कश्मीर एक हिमालयी क्षेत्र है जिसे भारत और पाकिस्तान दोनों कहते हैं कि यह पूरी तरह से उनका है। यह क्षेत्र कभी जम्मू और कश्मीर नामक एक रियासत था, लेकिन ब्रिटिश शासन के अंत में उपमहाद्वीप के विभाजन के तुरंत बाद 1947 में यह भारत में शामिल हो गया। भारतीय शासन के खिलाफ एक अलगाववादी विद्रोह के कारण 30 वर्षों से भारतीय प्रशासित पक्ष - जम्मू और कश्मीर राज्य में हिंसा हुई है।

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