By अभिनय आकाश | Jun 27, 2025
पहलगाम आतंकवादी हमले को छोड़ देने और पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के एक दिन बाद, केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के परिणाम दस्तावेज में आतंकवाद का उल्लेख चाहता था, लेकिन यह एक सदस्य देश को स्वीकार्य नहीं था, जिसमें पाकिस्तान का परोक्ष संदर्भ था। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दृष्टिकोण सही है क्योंकि एससीओ का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है और इसके संदर्भ (आतंकवाद पर भारत की चिंताओं) के बिना, वह परिणाम दस्तावेज को स्वीकार नहीं करेंगे।
एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के घोषणापत्र में भारत आतंकवाद का उल्लेख चाहता था लेकिन एक सदस्य देश को यह स्वीकार्य नहीं था। जयशंकर ने कहा कि इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दृष्टिकोण सही था क्योंकि एससीओ का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है और इस संदर्भ (आतंकवाद पर भारत की चिंता) के बिना सिंह ने परिणामी दस्तावेज को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जयशंकर ने सिंह के रुख के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा कि आम सहमति से चलने वाले एससीओ का उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रियों की बैठक के घोषणापत्र पर चर्चा में एक देश ने कहा कि नहीं, हम इसका संदर्भ नहीं चाहते हैं। आप अनुमान लगा सकते हैं कि कौन सा देश रहा होगा। जयशंकर ने कहा कि एससीओ सर्वसम्मति से चलता है लेकिन जब एक दे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले को नजरअंदाज करने और सीमा पार से होने वाले पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के प्रति भारत की चिंताओं पर कदम नहीं उठाने को लेकर बृहस्पतिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में सिंह ने इस आतंकी हमले को वक्तव्य में शामिल करने की मांग की, जबकि पाकिस्तानी पक्ष ने बलूचिस्तान में चरमपंथी गतिविधियों पर एक पैराग्राफ शामिल करने पर जोर दिया, जो स्पष्ट रूप से भारत पर आरोप लगाने का प्रयास था। उन्होंने कहा कि एससीओ सर्वसम्मति के तहत काम करता है और पाकिस्तान के रुख के कारण सम्मेलन संयुक्त वक्तव्य के बिना ही समाप्त हो गया। सूत्रों ने कहा कि मसौदा वक्तव्य में न तो पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र था और न ही सीमा पार से होने वाले आतंकवाद पर भारत के रुख को दर्शाया गया था और इससे एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर नयी दिल्ली का रुख कमजोर पड़ जाता।