By अभिनय आकाश | Aug 25, 2025
एक नाम अनीश दायल सिंह की चर्चा इस वक्त बहुत हो रही है। एनएसए अजित डोभाल का डिप्टी इन्हें बनाया गया है। जिसके बाद इनके बारे में हर कोई जानना चाह रहा है। कौन हैं, कहां से आएं हैं और अभी तक इनकी उपल्बधियां क्या रही? क्यों पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अनीश दयाल सिंह पर इतना भरोसा किया कि उन्हें डिप्टी एनएसए बनाया। केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ और आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक अनीश दयाल सिंह को नया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया है, जिन्हें आंतरिक मामलों को संभालने का दायित्व सौंपा गया है।
मणिपुर कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सिंह ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और हाल ही में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का नेतृत्व करने से पहले खुफिया ब्यूरो (आईबी) में लगभग 30 वर्षों तक सेवा की थी। वह दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त होंगे। डिप्टी एनएसए के रूप में सिंह जम्मू-कश्मीर, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर उग्रवाद सहित देश के आंतरिक मामलों के प्रभारी होंगे। सीआरपीएफ प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, सिंह ने कई महत्वपूर्ण पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे कि नक्सलवाद से निपटने में सीआरपीएफ की प्रगति, तीन दर्जन से अधिक अग्रिम परिचालन ठिकानों की स्थापना और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में चार नई बटालियनों की शुरुआत। यह नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों को मानद रैंक प्रदान करने की मंजूरी के साथ हुई है, जिस नीति का सिंह ने समर्थन किया था।
सबसे पहले तो अनीश दयाल सिंह एनसए अजित डोभाल के साथ मिलकर काम करेंगे क्योंकि उनके डिप्टी होंगे। इसके अलावा आईबी और रॉ के साथ कॉन्डिनेंशन में काम करेंगे। डिप्टी एनएसए का दायित्व उनका सिर्फ पॉलिसी मेकिंग तक ही नहीं होगा। उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च एंड एनलेसिस विंग (रॉ) जैसी अन्य सिक्योरिटी एजेंसियों के साथ भी कॉन्डिनेशन करना होगा। ये कॉन्डिनेशन आगे एनएसए और आलाकमान तक बढ़ाना होगा। ये कॉडिनेशन इसलिए भी जरूरी है ताकी अलग अलग स्तर पर काम करने वाली एजेंसियां एक साझा रणनीति के तहत आगे बढ़ें और सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर जल्दी और सटीक प्रतिक्रिया दी जा सके।
अनीश दयाल सिंह की नियुक्ति भारत के नेशनल सिक्योरिटी फ्रेमवर्क को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। उनसे ये उम्मीद की जा रही है कि उनके अनुभव और मार्गदर्शन से देश की सुरक्षा नीतियां और मजबूत और असरदार होंगी। जब ऐसी स्थिति भारत के पास आएगी जब दुश्मनों को जवाब देना है तो एनएसए और डिप्टी एनएसए मिलकर फैसला ले सकेंगे। ये नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत कई तरह की सिक्यिोरिटी चैलेंज का सामना कर रहा है। इसमें उग्रवाद, आतंकवाद और साइबर थ्रेट जैसी चुनौतियां शामिल हैं। ऐसे माहौल में अनीश दयाल सिंह का सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा और उनको बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।