By अनुराग गुप्ता | May 28, 2022
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का मौजूदा सत्र समाप्त होने वाला है। ऐसे में 8 टीमें नई ऊर्जा के साथ अब अगले साल आईपीएल में दिखाई देंगी। जबकि अहमदाबाद के ऐतिहासिक नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच खिताबी मुकाबला होगा। दूसरे क्वालिफायर में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के एकमात्र रजत पाटिदार को छोड़ दिया जाए तो तमाम खिलाड़ियों का प्रदर्शन फींका साबित हुआ। रजत पाटिदार ही अकेले राजस्थान के खिलाफ लड़ते हुए दिखाई दिए। लेकिन जोस बटलर के सामने उनकी पारी पर पानी फिर गया।
दूसरे क्वालिफायर मुकाबले में सिक्का राजस्थान के पक्ष में गिरा। ऐसे में कप्तान संजू सैमसन ने प्रतिद्वंद्वी टीम को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया और उनका फैसले पर राजस्थान के गेंदबाजों ने मुहर लगायी। प्रसिद्ध कृष्णा और ओबेद मैकॉय ने 3-3 विकेट चटकाए। जबकि ट्रेंट बोल्ट और आर अश्विन को एक-एक सफलता मिली।
बटलर ने जड़ा 'जोस' से भरपूर चौथा शतक
राजस्थान के सलामी बल्लेबाजों ने 158 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पॉवर प्ले में ही अपनी मन:स्थिति स्पष्ट कर दी। सलामी बल्लेबाज जोस बटलर और यशस्वी जायसवाल ने पॉवर प्ले में भरपूर रन बनाए। इसी बीच यशस्वी जायसवाल जोस हेजलवुड की गेंद पर विराट कोहली को कैच थमा बैठे और पवेलियन लौट गए। लेकिन उन्होंने 13 गेंद में 161 के स्ट्राइक रेट से 21 रनों की छोटी मगर किफायती पारी खेली और फिर जोस बटलर ने एक छोर से मोर्चा संभाला।
इस दौरान जोस बटलर ने सीजन का चौथा शतक जड़ा। जिसके लिए जोस बटलर ने 59 गेंद में 10 चौके और 5 छक्के जड़े। फिर एक और छक्का जड़कर टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। जोस बटलर ने 176 के स्ट्राइक रेट से नाबाद 106 रनों की पारी खेली। जिसके दम पर टीम फाइनल में पहुंची।
RCB की हार का दोषी कौन ?
बैंगलोर की हार के लिए किसी एक खिलाड़ी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है लेकिन रन मशीन कहे जाने वाले विराट कोहली इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। उन्होंने एक बार फिर से निराशाजनक प्रदर्शन किया। विराट कोहली ने 16 मुकाबलों में 22 के औसत से महज 341 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 अर्धशतकीय पारी भी खेली। जिसको देखकर ऐसा कहा जा रहा था कि विराट कोहली का फॉर्म वापस लौट आया है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
बैंगलोर को फाइनल में पहुंचने के लिए कप्तान फॉफ डुप्लेसिस, ग्लेन मैक्सवेल, विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों से अच्छे रनों की दरकार थी, जो महज 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने' साबित हुए।
क्या वॉर्न को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएगी राजस्थान ?
खैर अब सभी की निगाहें गुजरात और राजस्थान के मुकाबले में टिकी है। इन दोनों टीमों ने इस सत्र में उम्मीद से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। संजू सैमसन को लगता है कि टूर्नामेंट में उतार-चढ़ाव चलता है लेकिन उन्हें शेन वॉर्न की कप्तानी वाली टीम राजस्थान के प्रदर्शन को दोहराना है तो मजबूत इरादे के साथ गुजरात के खिलाफ रणनीति बनानी होगी और खिताब उठाना होगा, वही साल 2008 के विजेता कप्तान को सच्ची श्रद्धांजलि मानी जाएगी। हालांकि गुजरात को कमतर नहीं आंका जा सकता है। गुजरात की सबसे बड़ी ताकत टीम प्रदर्शन में है। क्योंकि टीम कभी भी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रही। हर एक खिलाड़ी ने दमदार खेल दिखाया है।