By अनन्या मिश्रा | Jun 10, 2025
इस बार पहला वट सावित्री व्रत 26 मई 2025 को रखा जा चुका है। वहीं वट पूर्णिमा व्रत 10 जून को किया जा रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक 10 जून की सुबह 11:35 मिनट पर ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है। वहीं अगले दिन यानी की 11 जून 2025 की दोपहर 01:13 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। वहीं उदयातिथि के हिसाब से 10 जून 2025 को वट पूर्णिमा व्रत किया जा रहा है।
शुभ मुहूर्त
वट पूजा मुहूर्त: सुबह 8:52 से दोपहर 2:05 तक
स्नान और दान का समय: सुबह 4:02 से 4:42 तक
चंद्रोदय: शाम 6:45 बजे
महत्व
पौराणिक मान्यता के मुताबिक जब जंगल में सत्यवान मूर्छित होकर गिर पड़े, तब सावित्री ने उनको वट वृक्ष के नीचे लिटाया और बांस के पंखे से हवा करने लगीं। उसी परंपरा का स्मरण करते हुए व्रत करने वाली महिलाएं पहले वट वृक्ष के नीचे पंखा झलती हैं, फिर अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। बाद में वह घर आकर पति के चरण धोकर उनको पंखा झलकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें। फिर सुहाग की सामग्री लेकर पूजा की थाली सजाएं। अब वट वृक्ष के पास जाएं और जल अर्पित करें। इसके बाद रोली, दूध, चावल और फूल आदि अर्पित करें। अब पेड़ के चारों ओर लाल धागा या सूती कच्चा धागा लेकर 7 या 21 बार परिक्रमा करते हुए वटवृक्ष में लपेटें। पूजा के अंत में सावित्रा और सत्यवान की कथा का पाठ करें और आरती करें।