By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 22, 2021
नयी दिल्ली। वाहन कलपुर्जे बनाने वाले उद्योग ने कहा है कि वह विभिन्न कलपुर्जों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन और उनका इस्तेमाल बढ़ाने को लेकर वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के साथ नजदीकी से काम कर रहा है। एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी। दि आटोमोटिव कम्पोनेंट मैन्युफक्चरर्स एसोसियेसन (एक्मा) के दो दिवसीय कार्यक्रम एक्मा आटोमेकेनिका के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा की इस पहल से जहां एक ओर वाहन उद्योग की वैश्विक स्तर पर मूल्य प्रतिस्पर्धा बेहतर होगी वहीं विदेशों से हल्की गुणवत्ता वाले कलपुर्जों का आयात भी कम होगा।
जैन ने कहा, ‘‘दि आटोमोटिव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसियेसन (एक्मा) और सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) दोनों मिलकर वाहन कलपुर्जों के क्षेत्र में स्थानीयकरण को बढ़ाने पर मिलकर नजदीकी से काम कर रहे हैं।इससे वैश्विक बाजार में हमारी मूल्य प्रतिस्पर्धा और बेहतर होगी। ’’ उन्होंने कहा कि वाहन कलपुर्जों के बड़े पैमाने पर स्थानीयकरण से न केवल हमारा निर्यात बढ़ेगा बल्कि हल्की गुणवत्ता के कलपुर्जों का आयात भी कम होगा।ऐसे कलपुर्जे इसी लिये आयात किये जाते हैं ताकि मूल्य के मामले में हमारी स्थिति बेहतर हो सके।
जैन ने कहा कि सरकार की हाल में घोषित उत्पादन से जुड़ी प्रोतसाहन योजना (पीएलआई) का मकसद भी घरेलू उद्योग की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बेहतर बनाना ही है।‘‘समूचे आटोमोटिव उद्योग के लिये 57,000 करोड़ रुपये का योजना आवंटन किया गया है। इन सभी उपायों से वाहन कलपुर्जा उद्योग का निर्यात बेहतर होगा और वाहन बिक्री बाद के बाजार में भी मांग बेहतर होगी।’’ उन्होंने कहा कि वाहन बिक्री बाद का कलपुर्जा बाजार तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है। वर्ष 2019- 20 मेंवाहनबिक्री बाद का कलपुर्जा बाजार 9.8 अरब डालर का रहा जो कि कुल 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है जबकि वाहन कलपुर्जा उद्योग का कुल बाजार 50 अरब डालर का रहा जो कि 8 प्रतिशत की सकल वृद्धि दर्शाता है।