By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 25, 2022
दावोस| स्वास्थ्य जगत की शीर्ष हस्तियों ने बुधवार को यहां कहा कि हर साल कम से कम एक नये रोगजनक वायरस की उत्पत्ति होती है तथा इन सभी में एक और वैश्विक महामारी के प्रसार की क्षमता होती है, इसलिए भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण हुईं मौतों की आधिकारिक संख्या 60 लाख से अधिक है, लेकिन अब भी दुनिया के कुछ भागों में इसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि बेहतर वैश्विक समन्वय और क्षेत्रीय क्षमता निर्माण से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि दुनिया अगली महामारी के लिए बेहतर तरीके से तैयार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वरिष्ठ अधिकारी हेलेन ई क्लार्क ने कहा, हमें तैयारियों के लिए मिले इस संभावित परिवर्तनकारी क्षण को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे ने कहा कि कोविड महामारी का असर अभी भी कई देशों में चिंताजनक स्थित में है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अफ्रीका महाद्वीप में केवल18 फीसदी वयस्क आबादी को ही कोविड-रोधी टीके की दोनों खुराक मिल सकी हैं।
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स ने कहा कि शुरुआती दौर में ही महामारी के संभावित वायरस की पहचान और इसकी रोकथाम करना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि संक्रामक रोग एक ऐसी घातक घटना होती है कि कुल मौतों में से करीब दो प्रतिशत मौतें शुरुआती 100 दिनों में ही हो जाती हैं।
गेट्स ने कहा, दुर्भाग्यवश, महामारी का सबसे अधिक बुरा प्रभाव उन देशों को झेलना पड़ता है, जो तत्काल और प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम नहीं होते। ऐसे में अगर आप महामारियों से निपटने को लेकर गंभीर हैं तो वैश्विक क्षमता निर्माण करना होगा।