By अनन्या मिश्रा | Nov 14, 2025
आजकल के समय में खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से लोगों को सेहत संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इनमें डायबिटीज सबसे आम समस्या है। हर घर का कोई न कोई व्यक्ति इस समस्या से परेशान होता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, साल 1990 में डायबिटीज से प्रभावित लोगों की संख्या करीब 200 मिलियन थी। भारत में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 77 मिलियन लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं। वहीं करीब 25 मिलियन लोग प्रीडायबिटीज में हैं।
बता दें कि 50 फीसदी से अधिक लोग अपने डायबिटीज होने के बारे में नहीं जानते हैं। लेकिन अगर इसको समय पर नहीं पहचाना और इलाज नहीं किया जाए, तो यह सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। डायबिटीज की वजह से आंखों, किडनी फेलियर और हार्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज दिवस मनाया जाता है। लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। यह दिन लोगों में डायबिटीज के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को इस बीमारी के खतरे और रोकथाम के तरीकों को बताने के लिए मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, सोसायटी और कई जगहों पर डायबिटीज के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इस दिन को मनाए जाने की शुरूआत साल 1991 में हुई थी। इस दिन को मनाए जाने की शुरूआत इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मिलकर किया था। वर्ल्ड डायबिटीज डे 14 नवंबर को इसलिए भी मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन फ्रेडरिक बैंटिंग की जयंती है। फ्रेडरिक बैंटिंग ने साल 1922 में इंसुलिन की खोज की थी। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य डायबिटीज के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। बाद में हर साल इसको एक थीम के साथ मनाया जाने लगा। साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा ऑफिशियल तौर पर विश्व डायबिटीज दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
हर साल इस दिन एक खास थीम रखी जाती है। इस बार की थीम 'डायबिटीज एक्रॉस लाइफ स्टेज थीम' रखी गई है। इस थीम का मतलब है कि हर व्यक्ति जिसको डायबिटीज है, उसको सही इलाज, मदद का माहौल और ऐसी योजना मिलनी चाहिए, जो उनकी सेहत, सम्मान और खुद की देखभाल में भी सहायता करे।