WTC फाइनल ड्रॉ होने पर संयुक्त विनर होंगी भारत-न्यूजीलैंड, ICC ने दी जानकारी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 28, 2021

दुबई।अंतरराष्ट्रीय​ क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच साउथम्पटन में होने वाला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल यदि ड्रा या टाई समाप्त होता है तो फिर दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया जाएगा। विश्व​ क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ने इस मैच के लिये जो नियमावली जारी की है उसके अनुसार, ड्रा या टाई होने पर दोनों टीमें संयुक्त विजेता मानी जाएंगी। आईसीसी ने 18 से 22 जून के बीच होने वाले फाइनल के नियमित दिनों में​ किसी कारण से समय बर्बाद होने की स्थिति में सुरक्षित दिन की व्यवस्था भी की है।

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इस तरह से 23 जून सुरक्षित दिन होगा। आईसीसी ने कहा, ये दोनों फैसले जून 2018 में आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने से पहले किये गये थे। सुरक्षित दिन की व्यवस्था पांच दिन का मैच सुनिश्चित करने के लिये किया गया है और इसका उपयोग नियमित पांच दिनों के अंदर बर्बाद समय की भरपायी नहीं हो पाने पर ही किया जाएगा। आईसीसी ने कहा, ​यदि सभी पांचों दिन पूरा खेल होता है और मैच का ​परिणाम नहीं निकलता है तो ऐसी स्थिति में अतिरि​क्त दिन नहीं जोड़ा जाएगा और ऐसी स्थिति में मैच को ड्रा घोषित कर दिया जाएगा। मैच के दौरान समय बर्बाद होने की स्थिति में आईसीसी मैच रेफरी नियमित तौर पर टीमों और मीडिया को बताता रहेगा कि सुरक्षित दिन का उपयो​ग कैसे किया जा सकता है। सुरक्षित दिन का उपयोग करना है या नहीं इसका अंतिम फैसला पांचवें दिन के आखिरी घंटे का खेल शुरू होने पर किया जाएगा। भारत अपने घरेलू मैच एसजी टेस्ट और न्यूजीलैंड कूकाबुरा गेंदों से खेलता है लेकिन फाइनल में ग्रेड वन ड्यूक गेंदों का उपयो​ग किया जाएगा।

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेल के नियमों में तीन बदलाव भी डब्ल्यूटीसी फाइनल का हिस्सा होंगे। इन्हें बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच मौजूदा विश्व कप सुपर लीग श्रृंखला के दौरान लागू किया गया था। इनमें शार्ट रन, खिलाड़ियों की समीक्षा और डीआरएस समीक्षा से जुड़े नियम शामिल हैं। शार्ट रन के मामले में तीसरा अंपायर मैदानी अंपायर के शार्ट रन के किसी भी फैसले की स्वत: ही समीक्षा करेगा और अगली गेंद डाले जाने से पहले अपना फैसला मैदानी अंपायर को बताएगा। पगबाधा यानि एलबीडब्ल्यू के लिये निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लेने से पहले क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम का कप्तान या आउट दिया गया बल्लेबाज अंपायर से यह पुष्टि कर पाएगा कि क्या गेंद को खेलने का वास्तविक प्रयास किया गया था। पगबाधा के लिये ही डीआरएस लेने के लिये विकेट क्षेत्र का दायरा बढ़ाकर स्टंप के शीर्ष तक कर दिया गया है।

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