अगले चुनाव में बेटे के लिए अपना सीट छोड़ेंगे येदियुरप्पा, कहा- अंतिम फैसला मोदी, शाह और नड्डा करेंगे

By अंकित सिंह | Jul 23, 2022

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक की राजनीति का एक बड़ा नाम माना जाता है। वह येदियुरप्पा ही हैं जिन्होंने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी को ना सिर्फ स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई बल्कि सत्ता तक पहुंचाने में भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हुए। हालांकि, पिछले साल पार्टी के निर्देश के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। फिलहाल वह सक्रिय राजनीति से दूर हैं। इन सबके बीच शुक्रवार को बीएस येदियुरप्पा ने बड़ा ऐलान करते हुए यह भी कह दिया था कि वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने बेटे और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के लिए अपनी शिकारीपुरा सीट को छोड़ देंगे। येदियुरप्पा की घोषणा को उनकी चुनावी राजनीति की समाप्ति माना जा रहा है। 

 

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इन सबके बीच आज एक बार फिर से येदियुरप्पा का बयान सामने आया है। येदियुरप्पा इस बयान पर कायम रहे कि उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा शिकारीपुर से लड़ेगा। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया है कि इस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को करना है। उनका निर्णय ही अंतिम निर्णय होगा। मैं इसके लिए मांग नहीं कर सकता, केवल सुझाव दे सकता हूं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि हम राज्य में एक बार फिर से सरकार बनाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। विजयेंद्र शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे। मैं हाथ जोड़कर शिकारीपुरा की जनता से प्रार्थना करता हूं कि वह मुझसे भी अधिक अंतर से उन्हें जीत दिलाएं।’’ 

 

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समर्थकों द्वारा पुराने मैसुरु क्षेत्र से विजयेंद्र को लड़ाने की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर येदियुरप्पा ने कहा कि उनपर वहां से लड़ने का बहुत दबाव है, लेकिन मैं सीट खाली कर रहा हूं और चुनाव नहीं लड़ूंगा। इसलिए विजयेंद्र शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे। विजयेंद्र को जुलाई 2020 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। वहीं मई वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मैसुरु के वरुणा से टिकट देने से इंकार करने के कुछ समय बाद ही उन्हें भाजपा की युवा इकाई का महासचिव नियुक्त किया गया था। पार्टी में उनका कद उस समय और बढ़ गया जब वर्ष 2019 और 2020 में हुए उपचुनावों में भाजपा को पहली बार क्रमश:के आर पेट और सिरा विधानसभा सीटों पर जीत मिली और कई ने उन्हें इसका श्रेय दिया।

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