By अंकित सिंह | Dec 07, 2021
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। इसको लेकर भाजपा ने अभी से ही अपनी तैयारियों को शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य भी चुनावी मैदान में उतरेंगे। फिलहाल मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री उच्च सदन यानी कि विधान परिषद के सदस्य हैं। हालांकि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि तीनों किस सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे? इसको लेकर पार्टी ने अभी से ही इन सीटों की तलाश शुरू कर दी है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पार्टी की ओर से इनसे सीट चयन करने को लेकर भी राय मांगी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहां से चुनाव लड़ेंगे, यही सबसे बड़ा प्रश्न है। हालांकि यह बात भी सत्य है कि यह तीनों चुनाव लड़ेंगे भी या नहीं लड़ेंगे? इसको लेकर फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड को ही करना है। लेकिन सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि तीनों नेता चुनावी मैदान में उतरेंगे।
यहां से उतरेंगे योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ के लिए कहा जा रहा है कि वह अयोध्या से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, योगी के लिए गोरखपुर के किसी भी सीट को भी विकल्प के तौर पर रखा गया है। या तो योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे या फिर गोरखपुर शहरी सीट से। गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ पांच बार सांसद रहे हैं वह भी लगातार। ऐसे में गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गढ़ है। इसलिए वह कहीं से भी चुनावी मैदान में उतरे, वह जीत सकते हैं। दूसरी तरफ अयोध्या हिंदुत्व का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। ऐसे में अगर योगी आदित्यनाथ वहां से चुनावी मैदान में उतरते हैं तो भाजपा के लिए इसके मायने कुछ और निकलेंगे।
केशव प्रसाद मौर्य के लिए यह सीट
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी या फिर प्रयागराज के किसी भी सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट या फिर प्रयागराज की फाफामऊ या फिर शहर उत्तरी से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के कद्दावर नेता हैं। विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे हैं और राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। ऐसे में उनका जनाधार तगड़ा है। इन तीनों विधानसभा सीटों में से वह कहीं से भी चुनाव लड़े, पार्टी उनकी जीत तय मान रही है।
लखनऊ से दिनेश शर्मा
उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा भी चुनावी मैदान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि लखनऊ पश्चिमी विधानसभा सीट या फिर लखनऊ कैंट सीट से वह चुनाव में उतर सकते हैं। इससे पहले दिनेश शर्मा लखनऊ के मेयर रह चुके हैं। ऐसे में लखनऊ में उनका सियासी प्रभाव ज्यादा है। भाजपा सरकार में बड़े ब्राह्मण चेहरा के रूप में मौजूद दिनेश शर्मा की छवि काफी साफ-सुथरी है। उन्हें सभी वर्गों का समर्थन भी हासिल होता है। ऐसे में पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारकर नए समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी।