Yogini Ekadashi Fast 2025: योगिनी एकादशी व्रत से होता है आर्थिक लाभ

By प्रज्ञा पांडेय | Jun 20, 2025

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से साधक को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती हैं तो आइए हम आपको योगिनी एकादशी व्रत का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं। 


जानें योगिनी एकादशी के बारे में 

यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि पर रखा जाता है। इस दौरान एकादशी तिथि को नाम माह के अनुसार दिया जाता है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी व्रत कहा जाता है। इस साल 21 जून 2025 को योगिनी एकादशी है। पंडितों के अनुसार इस दिन व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोज कराने के बराबर पुण्य फल मिलता है। यही नहीं व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक लाभ भी होता है। हालांकि एकादशी पर विष्णु जी को भोग लगाने से वह प्रसन्न होते हैं।

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योगिनी एकादशी तिथि 

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून 2025 को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर है। ऐसे में 21 जून 2025 को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।


योगिनी एकादशी शुभ योग

पंचांग के मुताबिक योगिनी एकादशी पर अश्विनी नक्षत्र बन रहा है, जो शाम 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दिन अतिगण्ड योग भी बना हुआ है, जो रात 8:28 मिनट तक है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59-12:47 तक रहेगा। अमृतकाल दोपहर 1:12-2:40 तक रहेगा।


योगिनी एकादशी के दिन इन पकवानों का लगाएं भोग, मिलेगा लाभ 

योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं। पंडितों के अनुसार इस भोग से प्रभु प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी कृपा बरसाते हैं। एकादशी पर आप विष्णु जी को पंचामृत जिसे दूध, दही, शहद, चीनी और घी के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसका भोग लगाएं। इससे जीवन में शांति और तनाव से मुक्ति मिलती हैं। इन मंत्रों का जप सूर्योदय से पूर्व स्नान कर, पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर करें। प्रत्येक मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। तुलसी पत्र और पीले पुष्प अर्पित करें। व्रत कथा अवश्य सुनें और दान-पुण्य करें।


योगिनी एकादशी पर करें इन मंत्रों का करें जाप, होंगे लाभान्वित


1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

यह भगवान विष्णु का सर्वश्रेष्ठ मंत्र है। इसका निरंतर जप मन को शांत करता है और भक्त को श्रीहरि का सान्निध्य प्राप्त होता है।


2. ॐ विष्णवे नमः

यह मंत्र भगवान विष्णु की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इससे समस्त दोषों का नाश होता है और जीवन में शुभता आती है।


3. ॐ श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नमः

यह एक शक्तिशाली मंत्र है, जो देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण को समर्पित है। यह मंत्र धन, समृद्धि, शांति और जीवन में संतुलन लाने के लिए जाना जाता है। इसका नियमित जाप मानसिक शुद्धि, आत्मिक बल और भक्तिभाव को बढ़ाता है।


योगिनी एकादशी व्रत में ये खाएं, रहेंगे ऊर्जावान

योगिनी एकादशी व्रत में आप सभी प्रकार के फल जैसे सेब, केला, संतरा, अंगूर, पपीता, अनार, शकरकंद, आलू, अरबी आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा दूध, दही, छाछ, पनीर, मावा आदि का सेवन किया जा सकता है। साथ ही सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, पूड़ी, परांठा आदि खाया जा सकता है।


योगिनी एकादशी व्रत में क्या ये न खाएं

पंडितों के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत में कुछ चीजों को खाना मना होता है। इन नियमों का पालन न करने पर व्रत का फल नहीं मिलता और पाप लगता है। एकादशी के दिन चावल का खाने की पूर्णतः मनाही होती है। जो लोग एकादशी के दिन चावल खाते हैं, वे अगले जन्म में कीड़े के रूप में जन्म लेते हैं। गेहूं, जौ, मक्का, बाजरा, अरहर, मूंग, मसूर, चना, काला चना आदि सभी अन्य को खाना वर्जित है। इसके अलावा प्याज और लहसुन को तामसिक माना जाता है और पूर्णिमा के दिन इनका सेवन नहीं करना चाहिए।


योगिनी एकादशी पर करें कपड़ों का दान 

योगिनी एकादशी के दिन नए वस्त्र जरूरतमंदों को दान करने का प्रयास करें या फिर किसी ब्राह्मण को दान करें। इस दिन पीले वस्त्र का दान करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं क्योंकि विष्णु जी को यह रंग बेहद प्रिय है। इसलिए इस दिन इस रंग के वस्त्र दान करने से उनकी कृपा बनी रहती है।


योगिनी एकादशी पर करें जल का दान 

योगिनी एकादशी के दिन कोशिश करें कि लोगों को पानी पिलाएं, पानी का स्टॉल लगाएं, लोगों को पानी का दान करें, अन्यथा जो भी आपके घर आए उसे पानी जरूर पिलाएं, ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है। प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाना बहुत शुभ माना जाता है इससे भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।


योगिनी एकादशी पर करें अन्न का दान, होगा फलदायी  

पंडितों के अनुसार एकादशी पर अन्न दान का विशेष महत्व है। इस दिन गेहूं, चावल, दाल, फल दान करना शुभ माना जाता है। कोशिश करें कि दान उन लोगों को करें जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।


योगिनी एकादशी पर चढ़ाएं ये फूल, होंगे भगवान प्रसन्न

शास्त्रों के अनुसार, अगर भगवान विष्णु को इन फूलों को अर्पित किया जाए तो वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इस दिन खासतौर पर ये फूल चढ़ाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।  भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी, दोनों को कमल का फूल बेहद प्रिय है। अगर आप चाहते हैं कि घर में बरकत बनी रहे और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे, तो योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को कमल का फूल अर्पित करें। प्रायः घर में लड़ाई-झगड़े और मनमुटाव चल रहा हो, तो इस दिन भगवान विष्णु को गेंदे का फूल चढ़ाएं। पंडितों के अनुसार इससे पारिवारिक तनाव दूर होता है और घर में शांति बनी रहती है। अगर आप आर्थिक संकट से परेशान हैं और पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं, तो इस दिन भगवान विष्णु को गुड़हल का फूल चढ़ाएं। इससे धन आगमन के रास्ते खुलते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। भगवान विष्णु को शंखपुष्पी फूल भी बहुत पसंद होते हैं। शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी के शुभ अवसर पर अगर उन्हें शंखपुष्पी फूल अर्पित किए जाएं तो जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है और घर में बरकत भी बनी रहती है।


योगिनी एकादशी से जुड़ी खास भी होती है रोचक

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी के व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना पुण्य प्राप्त होता है। इस व्रत का पालन करने वाला इस लोक में भी और परलोक में भी परम पद पाता है। योगिनी एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु को मौसमी फल, पीले पुष्प और तुलसी अवश्य अर्पित करनी चाहिए। तुलसी के पत्ते आपको एक दिन पहले ही तोड़कर रख देने चाहिए। इस दिन मूंग, गेहूं, उड़द, जौ, चना, बाजरा और चावल भी पूजा स्थल पर रखा बेहद शुभ माना जाता है। योगिनी एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी आपको करनी चाहिए। इस दिन भजन कीर्तन के साथ ही भगवान विष्णु के मंत्रों का जप भी आपको कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको न केवल सुख-समृद्धि प्राप्त होती है बल्कि आत्मिक रूप से भी आप उत्थान करते हैं।


- प्रज्ञा पाण्डेय

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