Yogini Ekadashi 2024: दो दुर्लभ संयोग में किया जा रहा योगिनी एकादशी का व्रत, ऐसे करें श्रीहरि का पूजन

By अनन्या मिश्रा | Jul 02, 2024

आषाढ़ मास की पहली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। हर एकादशी की तरह यह एकादशी भी जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होती है। इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 02 जुलाई 2024 को किया जा रहा है। भगवान विष्णु का शयनकाल शुरू होने से ठीक पहले योगिनी एकादशी पड़ती है। योगिनी एकादशी के बाद श्रीहरि क्षीर सागर में 4 माह के लिए निद्रा में चले जाते हैं।


धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ का महीना और एकादशी का व्रत दोनों ही नारायण को अतिप्रिय हैं। इसलिए योगिनी एकादशी का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको योगिनी एकादशी व्रत के महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

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तिथि और शुभ मुहूर्त

आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार 01 जुलाई 2024 की सुबह 10:27 मिनट से एकादशी तिथि की शुरूआत हो रही है। वहीं 02 जुलाई 2024 को सुबह 08:41 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के हिसाब से 02 जुलाई 2024 को योगिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। वहीं व्रत का पारण 03 जुलाई 2024 को सुबह 05:27 मिनट से सुबह 07:11 मिनट तक के बीच में किया जाएगा।


महत्‍व

योगिनी एकादशी निर्जला और देवशयनी एकादशी के पहले पड़ती है। मान्यता है कि जो भी जातक योगिनी एकादशी का व्रत करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि के अलावा धन-वैभव भी आता है। बता दें कि जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु के निद्रा में जाने से पहले इस एकादशी पर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। जिसका खास महत्व होता है। ऐसा करने से जातक को श्रीहरि की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है।


शुभ योग 

इस साल योगिनी एकादशी के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है। आज यानी की 02 जुलाई को सुबह 05:27 मिनट से लेकर अगले दिन 03 जुलाई को 04:40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। वहीं 02 जुलाई को सुबह 08:42 मिनट से लेकर अगले दिन 03 जुलाई को सुबह 04:40 मिनट तक त्रिपुष्कर योग रहेगा।

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