चुनावों के बीच पहली बार दिल्ली आ रहे मस्क, टेस्ला को क्या होगा फायदा, भारत के लिए क्या बदल जाएगा?

 Elon Musk
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Apr 17 2024 2:34PM

नए डेटा संरक्षण और दूरसंचार कानून के पारित होने के साथ सरकार ने देश आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कई सेमीकंडक्टर निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मस्क की ये यात्रा क्यों अहम है? इससे भारत में क्या बदल जाएगा।

इस साल अप्रैल का महीना भारत के लिए बेहद खास है। इसी महीने की 19 तारीख से लोकसभा के चुनाव शुरू हो रहे हैं। लेकिन अप्रैल का महीना एक और वजह से भी भारत के लिए खास होने वाला है। इसी महीने के अंत में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भारत आ रहे हैं और वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। मस्क का भारत दौरा इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसकी संभावना है कि वो भारत में निवेश करना चाहते हैं और भारत में टेस्ला की फैक्ट्री खोलने की योजना बना रहे हैं। एलन मस्क का भारत दौरा 22 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस दौरान वो नई दिल्ली में प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसा पहली बार होगा जब एलन मस्क भारत आएंगे। मस्क की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत की प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। नए डेटा संरक्षण और दूरसंचार कानून के पारित होने के साथ सरकार ने देश आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कई सेमीकंडक्टर निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मस्क की ये यात्रा क्यों अहम है? इससे भारत में क्या बदल जाएगा।

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इनवेस्टमेंट प्लान और इलेक्ट्रिक व्हिकल के प्लांट को लेकर होगा ऐलान?

अपनी भारत यात्रा की घोषणा मस्क ने ट्वीट के जरिए की है। हालांकि इससे पहले मोदी और मस्क दो बार मिल चुके हैं। वर्ष 2015 में कैलिफोर्निया के टेस्ला फैक्ट्री में मुलाकात हुई थी। इसके बाद जून 2023 में मोदी और मस्क न्यूयॉर्क में मिले थे। तब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए हुए थे और वहां उन्होंने एलन मस्क से मुलाकात की थी। टेस्ला की कंपनी की तरफ से पिछले साल जुलाई में कहा गया था कि वो 24 हजार डॉलर की कीमत वाले ईवी का उत्पादन करने के लिए भारत में एक फैक्ट्री बनाना चाहते हैं। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि एलन मस्क अपने भारत दौरे में अपने इनवेस्टमेंट प्लान और इलेक्ट्रिक व्हिकल के प्लांट को लेकर ऐलान कर सकते हैं। भारतीय ग्राहक भी टेस्ला कार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 

भारत के लिए क्या बदल जाएगा?

भारत में एमजी मोटर्स, महिला मुख्यतार पर इलेक्ट्रिक कार कंपनियां है। पैसिंजर वीइकल सेल में दो फीसदी ही EV का सेम्मेंट है। भारत अपने मैन्युफैक्चरिंग मार्केट को मजबूत करना चाहता है। टेस्ला यूनिट लगाता है तो मेक इन इंडिया प्रॉजेक्ट को पंख लगेंगे। टेस्ला ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स से डील की है कि वह उससे अपने दुनिया भर के ऑपरेशन के लिए सेमिकंडक्टर चिप लेगी यानी टेस्ला भारत में सप्लाई चेन की भी इच्छुक हैं। टेस्ला भारत में मॉडल 2 की कारें बनाएगी। इसकी कीमत 25 लाख रुपये के करीब हो सकती है। भारत में पहले से ई-कारें बना रही कंपनियों के लिए कॉम्पिटीशन बढ़ेगा। लोगों को ज्यादा ऑप्शन मिलेंगे।

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स्टारलिंक को जल्द मिलेगी हरी झंडी? 

स्टारलिंक 2022 से भारतीय सैटकॉम बाजार में हिस्सेदारी की मांग कर रहा है, जब से उसने अपनी सेवाओं के लिए परीक्षण करने की योजना बनाई है, लेकिन उसे अनुमति नहीं मिलने के कारण नियामक बाधा का सामना करना पड़ा। बाद में 2022 में ही इसने अपनी सेवाओं की पेशकश के लिए सैटेलाइट सेवाओं (जीएमपीसीएस) लाइसेंस द्वारा वैश्विक मोबाइल व्यक्तिगत संचार को सुरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू की। हालाँकि, विभिन्न सुरक्षा-संबंधी कारणों से इसका लाइसेंस अनुरोध अधर में लटका हुआ है। दिसंबर 2023 में भारत ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पर एक बड़ी नियामक बाधा को मंजूरी दे दी।

टेस्ला को क्या फायदा?

टेस्ला की सेल में गिरावट दर्ज की गई है। सालाना कमाई भी पिछले दो साल से घटी है। इसकी वजह ये है कि उसे चीनी और यूरोपियन कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। टेस्ला भारत आती है तो उसे नया कंस्यूमर बेस मिलेगा।

स्पेस एक्स के लिए क्या संभावनाएं? 

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र खुल गया है। भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 में जारी की गई थी, और हाल ही में, सरकार ने इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों को आसान बना दिया है। स्पेस X सस्ती दरों पर स्पेस में सैटलाइट भेजने का काम करती है। 2023 में इंडियन स्पेस पॉलिसी आई। सरकार ने इस सेक्टर में एफडीआई नियमों को भी आसान बनाया है। ऐसे में भारत में स्पेस एक्स की एंट्री के रास्ते में भी कोई बड़ी अड़चन नहीं है।

नई ईवी पॉलिसी से कैसे साफ हुआ मस्क का रास्ता ? 

मार्च में भारत सरकार ने एक नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति का अनावरण किया, जिसमें आयात कर कम किया गया, लेकिन अतिरिक्त शर्तों के साथ। भारत में पहले ईवी पर इंपोर्ट टैक्स 100 फीसदी था। मस्क इसमें रियायत चाहते थे। भारत सरकार ने ईवी पॉलिसी को मंजूरी दी। भारत ने ईवी आयात शुल्क को 100 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया, बशर्ते कि कोई निर्माता कम से कम $500 मिलियन का निवेश करे और भारत में एक इकाई स्थापित करे। इससे मस्क का रास्ता साफ हुआ। अब देश के कई राज्य मस्क की यूनिट के लिए पलक पावड़े बिछाए बैठे हैं। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार आक्रामक रूप से खुद को टेस्ला के लिए विनिर्माण स्थल के रूप में पेश करेगी। राज्य पहले से ही निसान मोटर कंपनी, रेनॉल्ट एसए, हुंडई मोटर कंपनी और बीएमडब्ल्यू एजी की विनिर्माण सुविधाओं का घर है।

 टाटा बनाएगा टेस्ला के लिए सेमीकंडक्टर

 टाटा ग्रुप फर्म टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने टेस्ला के साथ एक डील साइन की है। जिसके तहत टाटा आने वाले दिनों में टेस्ला के वर्ल्ड वाइड ऑपरेशन्स के लिए सेमीकंडक्टर बनाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला ने अपने विश्वव्यापी परिचालन के लिए सेमीकंडक्टर चिप्स हासिल करने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ एक रणनीतिक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जो दर्शाता है कि टेस्ला भारत में एक आपूर्ति श्रृंखला बनाने में रुचि रखेगा जो स्थानीय राजस्व-सृजन से परे हो। 

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