Vadodara की झील में नाव पलटने का मामला: उच्च न्यायायलय ने चार महिलाओं को जमानत दी

Gujarat High Court
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न्यायाधीश ने कहा कि अपराध में उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता का संकेत देने वाली कोई भी चीज रिकॉर्ड में नहीं है, न ही उन्होंने झील में नौकायन गतिविधि के संबंध में किसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

गुजरात उच्च न्यायालय ने 18 जनवरी को वडोदरा की हरनी झील में एक नौका पलटने से 12 विद्यार्थियों और दो शिक्षकों की मौत के मामले में गिरफ्तार चार महिलाओं को बुधवार को जमानत दे दी। ये महिलाएं निजी कंपनी कोटिया प्रोजक्ट्स में साझेदार हैं।

न्यायमूर्ति एम आर मेंगडे ने उन्हें 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके और इस शर्त पर जमानत दी कि वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी और अपने पासपोर्ट जमा कर देंगी। निजी कंपनी कोटिया प्रोजेक्ट्स को वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने झील के किनारे विकास परियोजना का ठेका दिया था।

घटना के बाद, लापरवाही के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पंद्रह आरोपियों में चार महिला भी शामिल थीं। पीड़ितों के वकील मेहुल धोंडे ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता - तेजल आशीष दोशी, नेहा दीपेन दोशी, वैशाखी यश शाह और नूतन परेश शाह कंपनी में साझेदारी होने के नाते कृत्य के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।

न्यायाधीश ने कहा कि अपराध में उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता का संकेत देने वाली कोई भी चीज रिकॉर्ड में नहीं है, न ही उन्होंने झील में नौकायन गतिविधि के संबंध में किसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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