फर्जी ऑनलाइन समीक्षा पर लगाम लगाने को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बुलाई बैठक

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गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के मसौदे में कहा गया है कि संगठन उन समीक्षाओं को प्रकाशित नहीं करेंगे जो स्वयं या आपूर्तिकर्ता, विक्रेता अथवा किसी तीसरे पक्ष से खरीदी और लिखवाई गयी है।

सरकार ने फर्जी समीक्षाओं पर लगाम लगाने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश पर परामर्श को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन समीक्षाओं से जुड़े संगठनों की बैठक बुलायी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के नोटिस में यह कहा गया है।

मंत्रालय ने ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षा (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2024 का एक मसौदा भी जारी किया है। इसमें उत्पाद के सत्यापित खरीदारों और उपयोगकर्ताओं से ही समीक्षा स्वीकार करने का प्रस्ताव किया गया है।

नोटिस के अनुसार, ‘‘गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के तहत ग्राहकों और विक्रेताओं को जोड़ने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों और समीक्षा से जुड़े संगठनों को निर्धारित जरूरतों के स्व-अनुपालन की घोषणा करने करने को कहा गया है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘संबंधित संगठन को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास पंजीकरण कराने और नियमों के अनुपालन की घोषणा करने की जरूरत है। इस संबंध में, क्यूसीओ के मसौदे पर चर्चा के लिए सचिव की अध्यक्षता में संबंधित पक्षों की बैठक 15 मई, 2024 को बुलायी गयी है।’’

गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के मसौदे में कहा गया है कि संगठन उन समीक्षाओं को प्रकाशित नहीं करेंगे जो स्वयं या आपूर्तिकर्ता, विक्रेता अथवा किसी तीसरे पक्ष से खरीदी और लिखवाई गयी है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाओं का प्रबंधन और प्रकाशन करने वाले सभी संगठन नियमों का पालन करेंगे। इसमें नकली समीक्षाएं प्रकाशित करने पर रोक भी शामिल है और आदेश में निर्धारित जरूरतों के स्वयं के स्तर पर अनुपालन की घोषणा करते हुए बीआईएस के साथ खुद को ‘समीक्षा प्रशासक’ के रूप में पंजीकृत करना होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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