Ashok Gehlot के पूर्व ओएसडी का दावा, मुझे शेखावत की बातचीत का ऑडियो लीक करने को कहा गया था

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रितिका कमठान । Apr 25 2024 10:23AM

टेलीफोन पर इस बातचीत के तीन ऑडियो क्लिप तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मीडिया में प्रसारित करने के लिए एक पेन ड्राइव में उपलब्ध कराए थे। इस मामले पर लोकेशन शर्मा ने वह पेन ड्राइव और लैपटॉप भी दिखाया, जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थी।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुश्किल में फंस गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तत्कालीन ओएसडी और कांग्रेस नेता लोकेश शर्मा ने बुधवार को एक बड़ा दावा किया है जिससे राजनीति में सनसनी फैल गई है। लोकेश शर्मा ने बुधवार को दावा किया है कि राज्य में 2020 में कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश के संबंध में गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित तौर पर टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। 

टेलीफोन पर इस बातचीत के तीन ऑडियो क्लिप तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मीडिया में प्रसारित करने के लिए एक पेन ड्राइव में उपलब्ध कराए थे। इस मामले पर लोकेशन शर्मा ने वह पेन ड्राइव और लैपटॉप भी दिखाया, जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थी। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार लोकेश ने इन ऑडियो क्लिप को मीडिया के साथ अपने फोन के जरिए शेयर किया था। उन्होंने कहा कि अगर झांसी एजेंसी इस मामले में सबूत मांगेगा तो वह अपने फोन से सबूत देने के लिए भी तैयार है। 

 

अशोक गहलोत पर उन्होंने आरोप लगाया कि वह तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह रावत की छवि दुनिया के सामने खराब करने की साजिश रच रहे थे। सचिन पायलट और अनेक कांग्रेसी नेताओं के फोन सर्विलांस पर भी रखे गए थे। रीट पेपर लीक में शामिल होने और पार्टी वाला कमान को अंधकार में रखने का आरोप भी कांग्रेस नेता लोकेश शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री पर लगाया है। राजस्थान की जालौर लोकसभा सीट पर अपने बेटे में गहलोत के लिए प्रचार कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर यह सभी आप उनके पूर्व ओएसडी ने लगाए हैं। 

इस मामले पर अब तक अशोक गहलोत का कोई बयान सामने नहीं आया है। लोकेश ने मीडिया को पेन ड्राइव भी दिखाई और कहा कि मुझे सोशल मीडिया से ऑडियो क्लिप नहीं मिली तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पेन ड्राइव के जरिए ही मुझे ऑडियो क्लिप सौंपे थे। अन्य मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा गया था जैसा कि मैं आदेश का पालन किया था। 

बता दे की दावे से पहले लोकेशन हमेशा यही कहते हैं कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें यह स्लिप मिली थी जो उन्होंने आगे मीडिया को भेजी थी। हालांकि यह पहला मौका है जब उन्होंने क्लिप वायरल करने के लिए सीधा आप अशोक गहलोत पर मढ़ा है। अब उन्होंने क्लिप उपलब्ध कराने के लिए सीधे तौर पर गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर 25 मार्च 2021 को लोकेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और गैरकानूनी तरीके से बातचीत को रिकॉर्ड करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। लोकेश ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने तीन जून 2021 को शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाई थी, जो अभी जारी है।

लोकेश पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश हो चुके हैं। लोकेश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने गहलोत के निर्देशों का पालन करना अपना कर्तव्य समझा और अपराध शाखा द्वारा पूछताछ के बावजूद ऑडियो क्लिप के स्रोत का खुलासा नहीं किया। पूर्व ओएसडी ने दावा किया कि जब उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था तो उन्हें गहलोत ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया और मामले और पूछताछ के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘16 जुलाई 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होटल फेयरमोंट आए जहां राजनीतिक संकट के बाद उनके खेमे के कांग्रेस विधायक ठहरे हुए थे। वह शाम करीब चार बजे होटल से निकले। बाद में मुझे गहलोत के पीएसओ रामनिवास का फोन आया कि गहलोत मुझे मुख्यमंत्री आवास पर बुला रहे हैं।’’

शर्मा ने दावा किया, ‘‘जब मैं मुख्यमंत्री आवास पहुंचा, तो गहलोत ने मुझे यह पेन ड्राइव दी जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थे और एक कागज दिया जिसमें ऑडियो क्लिप की प्रतिलिपि थी। उन्होंने मुझसे इसे मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से वह अपने घर गए और ऑडियो क्लिप को अपने लैपटॉप में और लैपटॉप से अपने मोबाइल फोन में डाला और फिर मीडिया में प्रसारित कर दिया। शर्मा ने दावा किया कि खबर सार्वजनिक होने के बाद, गहलोत ने उनसे यह जानने के लिए बात की थी कि उन्होंने सबूत नष्ट करने के लिए अपने फोन को नष्ट किया या नहीं। अपने दावे का समर्थन करने के लिए, शर्मा ने मीडिया के सामने उनके और गहलोत के बीच कथित बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग भी चलाई। शर्मा ने यह भी दावा किया कि एसओजी ने उनके निजी कार्यालय पर छापा मारा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मीडिया में ऑडियो क्लिप प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन नष्ट कर दिया गया या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह सब खुलासा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं और मेरा परिवार कठिन समय और मानसिक यातना से गुजर रहे हैं। फोन टैपिंग में मेरी कोई भूमिका नहीं थी।’’ उन्होंने गहलोत पर रीट पेपर लीक में शामिल होने का भी आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया और अब उन्हें केवल अपने बेटे वैभव गहलोत के भविष्य की चिंता है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोविड महामारी के दौरान उपकरणों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार हुआ, खदान घोटाला हुआ और (विधानसभा) चुनाव वर्ष (2023) में महिलाओं को मुफ्त मोबाइल फोन वितरण की योजना में भ्रष्टाचार हुआ। शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार को सभी घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करानी चाहिए। फोन टैपिंग विवाद जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सामने आया जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में थी। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले पार्टी के 18 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी जिस दौरान गजेंद्र सिंह और कांग्रेस नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आए थे।

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