By एकता | Aug 21, 2025
जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ उप-मंडल के मेघा गांव में एक बड़ी और चौंकाने वाली खोज हुई है। यहां जुरासिक युग से संबंधित एक अनोखा कशेरुकी जीवाश्म (Vertebrate Fossil) मिला है, जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
वरिष्ठ जल-भूविज्ञानी डॉ. नारायण दास इनाखिया ने बताया कि यह जीवाश्म बेहद खास है क्योंकि इसमें रीढ़ (spine) का पूरा हिस्सा देखा जा सकता है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि यह लगभग 18 करोड़ साल पुराना हो सकता है।
क्यों खास है ये खोज?
डॉ. इनाखिया के अनुसार, यह जीवाश्म जैसलमेर के समृद्ध भूवैज्ञानिक इतिहास का एक ठोस प्रमाण है। इस खोज से कई नई जानकारियां मिलने की उम्मीद है, क्योंकि जैसलमेर में पहले भी डायनासोर के पैरों के निशान और हड्डियां मिली हैं। यह नया जीवाश्म भी संभवतः किसी डायनासोर या जुरासिक काल के किसी अन्य विशालकाय जीव का हिस्सा हो सकता है। जीवाश्म में पंखों के निशान भी पाए गए हैं, जो इसे और भी दुर्लभ बनाते हैं।
इस खोज के बाद, जैसलमेर का यह इलाका दुनिया भर के जीवाश्म वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक नया और महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। यह उपलब्धि न केवल विज्ञान के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह जैसलमेर को एक नया पर्यटन स्थल भी बना सकती है, जहां लोग लाखों साल पुराने इतिहास को करीब से देख सकेंगे।