China के युन्नान में चमगादड़ों में मिले 20 नए वायरस, इंसानों के लिए मंडराता नया खतरा

By एकता | Jun 25, 2025

चीन के युन्नान प्रांत में शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों में 20 नए वायरस खोजे हैं, जिनमें से दो निपाह और हेंड्रा वायरस से काफी मिलते-जुलते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये वायरस खेतों और गांवों के आस-पास रहने वाले चमगादड़ों में पाए गए हैं। खेत और गांव ऐसे इलाके हैं जहां इंसान, जानवर और वन्यजीव एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं, इसलिए इस खोज ने खतरे की घंटी बजा दी है।


शोध किसने किया?

इस शोध पर चीन और सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने काम किया। उन्होंने चार साल की अवधि में 142 चमगादड़ों को इकट्ठा किया और फिर उनके गुर्दे पर काम करना शुरू किया। आमतौर पर, चमगादड़ों में वायरस का पता लगाने वाले अध्ययन उनके मल पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन इसमें शोधकर्ताओं ने गुर्दे पर ध्यान केंद्रित किया ताकि पता लगाया जा सके कि क्या वायरस मूत्र के माध्यम से भी फैलता है, जो वायरस के फैलने का एक और संभावित तरीका है।


शोध पर क्या बोले विशेषज्ञ

पीएलओएस पैथोजेन्स नामक पत्रिका में वैज्ञानिकों ने अपनी खोज के निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं, जो चौंकाने वाले हैं। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि इस खोज ने जानवरों से इंसानों में नए वायरस फैलने के गंभीर खतरे को उजागर किया है। यह उन लोगों के लिए खतरे की घंटी है, जो खेती और वनों की कटाई वाले इलाकों में रहते हैं।


वैज्ञानिकों ने जूनोटिक खतरों के बढ़ते जोखिम पर भी चिंता जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जानवरों से इंसानों में बीमारी या वायरस फैलने का खतरा एक गंभीर खतरा है, क्योंकि पर्यावरण में हो रहे बदलाव जानवरों को इंसानों के करीब ला रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यह पैटर्न पहले भी सार्स, इबोला और कोविड-19 में देखा जा चुका है, जिसके दुष्परिणाम दुनिया को भुगतने पड़े हैं।


ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के पशु विज्ञान केंद्र के निदेशक टिम महोनी ने कहा, 'यह अध्ययन दिखाता है कि हम अभी भी चमगादड़ों और हमारे पर्यावरण में रहने वाले वायरस के बारे में बहुत कम जानते हैं।' बता दें, वह इस शोध का हिस्सा नहीं थे।


शोध के निष्कर्ष

कुल मिलाकर, टीम को 22 वायरस मिले, जिनमें से 20 पहले अज्ञात थे। उन्होंने दो नए प्रकार के बैक्टीरिया और एक अज्ञात परजीवी की भी खोज की। वायरस में दो नए हेनिपावायरस थे, एक समूह जिसमें निपाह और हेंड्रा शामिल हैं, जो मनुष्यों और जानवरों दोनों में गंभीर मस्तिष्क और श्वसन संक्रमण का कारण बनते हैं। ये संक्रमण घातक हो सकते हैं, कुछ प्रकोपों ​​में मृत्यु दर 75 प्रतिशत तक बताई गई है।

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