By रेनू तिवारी | Sep 19, 2025
रूस के दूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने इसे जुलाई में आए बड़े भूकंप का 'पश्च-कंपन' बताया है। शुक्रवार सुबह आए इस भूकंप के बाद क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी की गई, लेकिन कुछ तटों पर लहरें आने के बावजूद नुकसान की कोई खबर नहीं है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र क्षेत्रीय राजधानी पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 128 किलोमीटर (80 मील) पूर्व में, 10 किलोमीटर (छह मील) की गहराई पर था। कामचटका प्रायद्वीप रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, जो प्रशांत महासागर के अधिकांश हिस्से को घेरने वाला एक बड़ा प्लेट टेक्टोनिक क्षेत्र है। यह क्षेत्र अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए जाना जाता है, क्योंकि पृथ्वी की कई प्रमुख प्लेटें लगातार एक-दूसरे से टकराती रहती हैं।
शुक्रवार सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप रूस के कामचटका क्षेत्र में आया। अधिकारियों ने सुनामी अलर्ट जारी किया, जिसे बाद में हटा दिया गया। वीडियो में इमारतें हिलती, फर्नीचर और लाइटें हिलती हुए दिखाई दिए, जबकि एक अन्य क्लिप में सड़क पर खड़ी एक कार ज़ोर से हिलती हुई दिखाई दी।
मजबूत भूकंप के बाद कई हल्के झटके महसूस किए गए, जिनमें सबसे बड़ा 5.8 तीव्रता का था। भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाने वाला कामचटका क्षेत्र पिछले दो महीनों में कई शक्तिशाली भूकंपों से प्रभावित हुआ है। इनमें 8.8 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप और 7.4 तीव्रता के दो भूकंप शामिल हैं। पिछले शनिवार को भी कामचटका क्षेत्र के पूर्वी तट के पास 7.4 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया था। USGS के अनुसार, भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 111.7 किमी पूर्व में था और इसकी गहराई 39 किमी थी।
यह भूकंप ऐसे समय में आया है, जब रूस के कामचटका प्रायद्वीप में जुलाई में 8.8 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया था। इससे पूर्वी रूस में ज़बरदस्त भूकंपीय लहरें उठीं और जापान, अमेरिका और प्रशांत महासागर के कई द्वीपीय देशों सहित कई देशों में सुनामी अलर्ट जारी किया गया था।
यह ध्यान देने योग्य है कि रूस का कामचटका क्षेत्र भूकंप के लिहाज से बहुत संवेदनशील है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक, पैसिफिक रिंग ऑफ फायर में स्थित है। यह क्षेत्र उस सीमा पर है जहाँ पैसिफिक प्लेट और नॉर्थ अमेरिकन प्लेट आपस में टकराती हैं और एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, जिससे बहुत ज़्यादा टेक्टोनिक दबाव बनता है। प्लेटों की यह लगातार हलचल अक्सर भूकंपीय गतिविधियों को जन्म देती है, जिसमें हल्के से लेकर ज़बरदस्त भूकंप शामिल हैं। कामचटका में कई सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं, जो यहाँ के अस्थिर भूवैज्ञानिक परिवेश को और भी स्पष्ट करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंप आए हैं, जो इसे भूकंपीय खतरों का एक प्राकृतिक हॉटस्पॉट बनाता है।