उज्जैन महाकाल मंदिर की गौशाला में एक दर्जन गायों की मौत, बताई जा रही गौशाला प्रशासन की लापरवाही

By दिनेश शुक्ल | Aug 16, 2020

उज्जैन। महाकाल मंदिर उज्जैन की गौशाला में एक दर्जन गायों की मौत की खबर सामने आयी है। महाकाल मंदिर की इसी गौशाला से बाबा महाकाल का दुग्धाभिषेक होता है। जानकारी के मुताबित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की चिंतामन स्थित गौशाला में शुक्रवार रात एक दर्जन गायों की मौत हो गई। गौशाला के कर्मचारियों ने सबसे पहले मामले की जानकारी गौशाला के प्रभारी अधिकारी प्रतीक द्विवेदी व गौशाला प्रभारी निरंजन जूनवाल को दी। सूत्रों की माने तो प्रभारी अधिकारी और प्रभारी होने के बाद भी यह दोनों लंबे समय से गौशाला देखने तक नहीं गए थे। हालंकि गायों की मौत की जानकारी मिलने के बाद इन दोनों ने मामले की जानकारी मंदिर प्रशासक सुजान सिंह रावत को दी। जिसके बाद आनन फानन में अधिकारियों ने पशु चिकित्सालय को सूचना दी, इसके बाद पशु चिकित्सकों का दल चिंतामन गौशाला पहुंचा। जहाँ कई एक दर्जन से अधिक गायों की मौत हो चुकी थी और कई बीमारी की हालत में थी। जिसके बाद से डॉक्टर अन्य गायों के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए है।

वही इस गंभीर घटना ने महाकाल मंदिर प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है।

 

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सूत्र बताते हैं कि गौशाला के प्रभारी अधिकारी प्रतीक द्विवेदी व गोशाला प्रभारी निरंजन जूनवाल गौशाला शहर के पांच किमी दूर स्थित होने के चलते लंबे समय से गौशाला नहीं गए थे और फोन पर ही जानकारी लेकर अधिकारियों को जानकारी और फीड बेक दे रहे थे। यही नहीं इस लापरवाही की जानकारी मंदिर प्रशासक सुजान सिंह रावत को भी थी, लेकिन राजनैतिक दल के प्रभाव के कारण उन्होंने भी लापरवाहों पर कार्रवाई नहीं की जिसका नतीजा मूक प्राणियों को भुगतना पड़ा।

बावजूद किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। शाम पांच बजे से रात नौ बजे के बीच 12 से ज्यादा गायों ने दम तोड़ दिया जबकि गौशाला में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, जो लंबे समय से बंद पड़े हैं। यही नहीं हमारे सूत्र यह भी बताते हैं कि मंदिर की सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव ने आज तक गौशाला का औचक निरीक्षण भी नहीं किया जबकि मंदिर के सभी प्रकल्पों की सुरक्षा व्यवस्था की जवाबदेही इन्हीं की है।

 

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बताया जाता है कि रात में गौशाला में कार्य करने वाले कर्मचारी या तो नशे के हालात में होते हैं या फिर गौशाला पर ध्यान ही नहीं देते बल्कि अपने कक्ष में जाकर आराम फरमाते हैं। जिनका समय-समय पर निरीक्षण करना मंदिर परिसर की सुरक्षा अधिकारी और गौशाला प्रभारी की जवाबदेही है। वहीं दूसरी और वे हिन्दूवादी संगठन गायब हैं। वही अब मंदिर के जिम्मेदार गायों की मौत फूड पॉइजनिंग से होना बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर खुलासा करने की बात कह रहे है। सूत्र बताते है कि मंदिर गौशाला प्रभारी एक महीने से गौशाला निरीक्षण करने भी नहीं पहुंचे। गायों के लिए चारे के लाले पड़ने के बावजूद भी इन गायों ने भूखे रहते हुए भी अपना दूध देकर बाबा महाकाल का दुग्धाभिषेक नहीं छोड़ा और अपना कर्म निभाते हुए एक दर्जन से ज्यादा गायों ने अपने प्राण त्याग दिए। यही नहीं पूरे मामले की लीपापोती करने में शहर के प्रमुख राजनेता भी लग गए है। बताया जा रहा है कि बिशिष्ट पद पर आसीन महिला नेत्री के जेठ इस गौशाला के सह प्रभारी जो हैं। वही अब महाकालेश्वर मंदिर के कर्णधारों ने पोस्टमाटर्म का हवाला देकर जांच करवाने की बात कही है। 


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