उज्जैन का एक ऐसा गैंगस्टर जो 20 साल की उम्र में बन गया था डॉन, जुर्म करने के लिए निकालता था विज्ञापन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 08, 2022

भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप जो 20 साल की उम्र में ही अपना खौफ लोगों के मन में बैठा दिया। जिस उम्र में युवक अपने भविष्य की चिंताओं में उलझे रहते हैं। उस उम्र में दुर्लभ के ऊपर आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज है। लेकिन दुर्लभ कश्यप अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन अभी भी उसके नाम पर कई गैंग सक्रिय हैं।

दरअसल उज्जैन में साल 2000 में जन्मा दुर्लभ कश्यप एक कारोबारी पिता और शिक्षिका मां की संतान था। दुर्लभ के पिता पहले मुंबई में व्यापार करते थे। लेकिन बाद में वह इंदौर आ गए। दुर्लभ जब बड़ा हुआ तो उसने काम भी बड़े अजीब तरीके से शुरू किए। जैसे कि उसने अपनी फेसबुक की प्रोफाइल पर लिख रखा था कि किसी भी तरह के विवाद निपटारे के लिए संपर्क करें।

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वहीं सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहने वाला दुर्लभ कश्यप अपना और अपने गैंग के प्रचार के लिए फेसबुक को सहारा बनाता था। फेसबुक पर लोगों को धमकी देता और गैंग का बखान करता। फेसबुक के जरिए ही रंगदारी और सुपारी लेना उसका शगल बन गया था। जानकारी के अनुसार उसकी गैंग में अधिकतर नाबालिग लड़के ही शामिल थे।

दुर्लभ कश्यप सोशल मीडिया के जरिए धमकी देने के अलावा अपनी ड्रेसिंग के कारण भी चर्चा में रहता था। आंखों में काला सूरमा, माथे पर लंबा तिलक और कंधे पर गमछा उसकी और गैंग की पहचान बन चुकी थी। उसके कारनामों के चलते लोग उसे उज्जैन का डॉन भी कहने लगे थे।

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दुर्लभ कश्यप अपनी गैंग के सहारे इलाके में धौस और लूट जैसी वारदातों को अंजाम देता था। 18 साल की उम्र में ही दुर्लभ और उसकी गैंग खौफ का दूसरा नाम बन चुकी थी और उस पर करीब 9 मुकदमें दर्ज थे।

इसके अलावा दुर्लभ ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर खुद को कुख्यात बदमाश, हत्यारा और नामी अपराधी लिख रखा था। इसके साथ ही विज्ञापन की शक्ल में अक्सर लिखता था कि किसी भी तरह के विवाद निपटारे के लिए संपर्क करें। 16 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में उतरा दुर्लभ दो सालों में आतंक का पर्याय बन गया। लेकिन साल 2018 में पुलिस प्रशासन ने कई प्रयासों के बाद दुर्लभ व उसकी गैंग का पर्दाफाश कर दिया था।

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आपको बता दें कि पुलिस कार्रवाही के बाद दुर्लभ कश्यप को जेल भेज दिया गया लेकिन उसके नाम पर गैंग चलता रहा। 2020 में कोरोना के दौर में सभी कैदियों की तरह उसे भी रिहा किया गया।

6 सितंबर 2020 में वह रात को घर से बाहर निकला तो रास्ते में चाय की दुकान पर दूसरी गैंग से लड़ाई हो गई। जिसमें शाहनवाज और शादाब नाम के दो बदमाशों ने दुर्लभ को चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतार दिया। जानकरी मिली है कि उस पर 30 से ज्यादा बार चाकू से हमला किया गया था।

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