गुजरात में उनके पैतृक गांव पीरामन में किया जाएगा अहमद पटेल का अंतिम संस्कार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 25, 2020

भरूच। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का अंतिम संस्कार गुजरात के भरूच जिले में उनकेपैतृक गांव पीरामन में किया जाएगा।यह जानकारी उनके एक सहयोगी ने दी। पटेल के निधन की खबर मिलने के बाद पीरामन गांव के निवासियों ने स्थान के विकास में उनके योगदान को याद किया और कुछ ने कहा कि वह उनके लिए ‘‘पिता तुल्य’’ थे। यह गांव अंकलेश्वर तालुका में पड़ता है। कांग्रेस के स्थानीय नेता और पटेल के निकट सहयोगी नाजुभाई फदवाला ने कहा कि पटेल ने इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार भरूच के पीरामन गांव में उनके माता-पिता की कब्र के पास ही किया जाए। कांग्रेस के वर्षों तक रणनीतिकार रहे पटेल (71) का बुधवार को निधन हो गया। वह कुछ हफ्ते पहले कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे और उपचार के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद दिया था। फदवाला ने कहा कि उनके पार्थिव शरीर को शाम तक गांव में लाया जाएगा और अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक अंतिम संस्कार होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अहमद भाई की अंतिम इच्छा थी कि पीरामन में उनके माता-पिता की कब्र के पास उनका अंतिम संस्कार किया जाए। वह अपने गांव से बहुत जुड़े हुए थे और अकसर यहां आते थे।’’ 

इसे भी पढ़ें: अहमद पटेल के निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर, भाजपा नेताओं ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

उन्होंने कहा, ‘‘वह अपने माता-पिता के बेहद करीब थे, खासकर अपनी मां से और जब भी पीरामन आते थे तो काफी समय तक मां की कब्र के पास बैठे रहते थे।’’ उन्होंने कहा कि उचित सामाजिक दूरी के साथअंतिम नमाज के लिए मैदान तैयार किया जा रहा है। स्थानीय निवासी सुलेमान पटेल ने कहा कि कांग्रेस नेता के निधन की खबर से पूरा गांव दुखी है। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे पिता की तरह थे। पूरा गांव दुखी है।’’ एक अन्य ग्रामीण गणेशभाई ने कहा कि अहमद पटेल के निधन की खबर सुनकर वह दुखी हैं।

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज