By अभिनय आकाश | Nov 24, 2025
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा कि मौलाना मदनी एक वरिष्ठ व्यक्ति हैं, वे जमीयत के प्रमुख हैं, मैं उनका सम्मान करता हूँ, मुझे नहीं लगता कि मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित होगा। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूँ कि हम हमेशा से आतंकवादी हमलों की निंदा करते रहे हैं, सभ्य समाज में आतंकवादियों के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन आतंकवाद को किसी धर्म विशेष से जोड़ना गलत है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या करने वाले मुसलमान नहीं थे।
पठान ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित थे... आप उनके खिलाफ मुकदमा चलाएँ, लेकिन पूरे समुदाय पर सवाल न उठाएँ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उनका सीधे तौर पर कहना है कि यह जो बयानबाजी हो रही है, यह पूरी तरीके से गलत है और यह कुतर्क है कि यहां पर यानी कि भारत में मुसलमानों को मौका नहीं दिया जाता। अगर सच्चा मुसलमान हो, देशभक्त हो और कुछ करने का जज्बा हो तो फिर एपीजे अब्दुल कलाम हम सबके सामने है और यह वो शख्सियत हैं जिनसे हर मुसलमान को और हर इंसान को सीख लेनी चाहिए।
दिल्ली ब्लास्ट जांच के दायरे में आई अल फलाह यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। इस पर बीजेपी ने रविवार को पलटवार करते जिसमें हुए कहा कि 'आतंकी बचाओ जमात' सक्रिय हो गई है।मुख्यालय में एक कार्यक्रम में कहा कि जहां जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर चुने जा सकते हैं। एक खान लंदन का मेयर बन सकता है। वहीं भारत में मुसलमान यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तक नहीं बन सकते। मदनी ने आगे कहा कि और अगर कोई बन भी जाता है, तो उसे आजम खान की तरह जेल भेज दिया जाएगा। आज अल फलाह के साथ जो हो रहा है, उसे देखिए। इसके संस्थापक जेल में हैं और कोई नहीं जानता कि वह कितने साल जेल में रहेंगे।