By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 06, 2022
एकनाथ शिंदे के धड़े वाली शिवसेना के बगावत करने के परिणामस्वरूप राज्य में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की सरकार गिर गयी थी और शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार बनाने के लिए शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों के समूह का समर्थन किया था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली एमवीए सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस सहयोगी थे। अजीत पवार ने कहा, जब हम सरकार में थे, हमने किसानों के कर्जमाफी का फैसला लिया था। इससे अब उन लोगों के खाते में 50 हजार रुपये आएंगे जो अपना कृषि कर्ज समय पर चुकाते हैं। हमने किसानों के पक्ष में कई अहम फैसले किए थे। लेकिन, जब से यह सरकार सत्ता में आई है, प्रतिदिन तीन से चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बारिश होने के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा यह कदम उठाने का कारण यह है कि वे अपनी क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा पाने में विफल रहे, जो उन्हें मिलने वाली थी।
राकांपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, कुछ किसानों की खरीफ फसल बर्बाद हो गयी, कुछ किसानों को भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण रबी की फसल का भारी नुकसान हुआ है। जबकि ऐसा हो रहा है, सर्वेक्षण अभी भी चल रहा है। राकांपा नेता ने कहा कि कुछ मामलों में मुआवजा दिया गया, लेकिन राशि इतनी कम थी कि किसान इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा, हर चीज के लिए वे (राज्य सरकार) केंद्र की ओर देखते हैं। मैंने उनसे उन क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित करने के लिए कहा था जहां भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।