शराबबंदी कानून में संशोधन थानों की कमाई का जरिया बनेगा: तेजस्वी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 24, 2018

पटना। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने सदन में आज पारित बिहार मधनिषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2018 को थानों की कमाई का जरिया बनने वाला बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि क्या वे स्वीकारते हैं कि उन्होंने पहले वाला क़ानून 'अहंकारवश' बनवाया था और वह ग़लत था। बिहार विधानसभा में पेश बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2018 को सदन ने आज विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित कर दिया था।

 

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2018 को मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा पेश किए जाने के दौरान ही राजद सहित अन्य विपक्षी दल बिहार में सुखाड़ पर चर्चा कराने को अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए इसपर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर सदन से वाकआउट कर गए थे। तेजस्वी ने बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा था कि क्या वे स्वीकारते हैं कि उन्होंने शराबबंदी को लेकर वर्ष 2016 में पारित कराया गया क़ानून 'अहंकारवश' बनवाया था और वह ग़लत था।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी कानून में संशोधन थानों की कमाई का जरिया बनेगा। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि पहले शराबबंदी से किसी प्रकार का समझौता नहीं करने की बात कहते थे, अब छूट दे रहे हैं, मुख्यमंत्री बिहार में शराब को कल रेगुलर भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि इस संशोधन में पहले से इस मामले को लेकर गिरफ़्तार हज़ारों लोगों के भविष्य साथ क्या होगा? तेजस्वी ने नीतीश पर प्रधानमंत्री बनने के फेर में शराबबंदी क़ानून को लागू करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री जी इससे तबाह हुए परिवारों के बारे में आपने क्या सोचा? उन्होंने यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री जी बतायें गिरफ़्तार लोगों में 90 फ़ीसदी लोग दलित, अतिपिछड़े और पिछड़े वर्गों के ही क्यों है? आपकी पुलिस अमीरों को गिरफ़्तार नहीं करती या फिर अमीर शराब नहीं पीते? उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री का कहना है कि शराबबंदी का विरोध करने वाले लोग दलित विरोधी हैं तो हजारों लोगों को गलत कानून बनाकर जेल में ठूंसने वाले क्या दलित हितैषी हैं? 

 

तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने ज़ोर-शोर से नीरा से लाखों लोगों को रोज़गार देने की बात कही थी। सरकार बतायें नीरा से अबतक कितने लोगों रोज़गार मिला। ताड़ी तोड़ने वाले ग़रीब पासी जाति के लोगों के पेट पर सरकार ने लात मारी लेकिन अभी तक किसी वैकल्पिक रोज़गार की कोई व्यवस्था नहीं की? उन्होंने पूछा कि शराबबंदी के दो वर्ष बाद भी बिहार में बडी मात्रा में शराब बरामद हो रही है। यह कहाँ से आ रही है? किस सिंडिकेट से आ रही है? मान लीजिए पटना में हरियाणा की शराब बरामद हुई है। शराब पटना पहुँचाने के लिए तस्कर बिहार के कम से कम 4-5 ज़िले क्रॉस करते होंगे और कम से कम 15-20 पुलिस थाने। अब क्या आपके चारों-पाँचों जिलों के पुलिस अधीक्षक और सभी थानों की पुलिस 'नाकारा’ है जो तस्कर सभी की आंखों में धूल झोंक देते हैं। तेजस्वी ने बिहार विधानसभा में भी ब्रेथ एनालाइजर से जांच कराए जाने की मांग की।

 

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