By अभिनय आकाश | Sep 21, 2022
ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका के बीच तनातनी लगातार जारी है। दोनों देशों के बीच लगातार बयानबाजी का दौर भी जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बीते दिनों ये कहकर ड्रैगन को और परेशान कर दिया कि यदि चीन स्वशासित ताइवान पर हमला करने की कोशिश करता है, तो अमेरिकी सेना उसकी रक्षा करेगी। जिसके बाद बौखलाए चीन ने पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिका से स्पष्ट रूप से कहा कि वह देश को विभाजित करने के उद्देश्य से की गयी किसी भी गतिविधि को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। अब एक बार फिर अमेरिका की तरफ से चीन को लेकर निशाना साधा गया है।
प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी वायु सेना के प्रमुख चीन की चुनौती को कमतर नहीं आंकते। लेकिन जब ताइवान पर संभावित आक्रमण की बात आती है, तो उनका मानना है कि बीजिंग और उसके शीर्ष सैन्य योजनाकारों को द्वीप राष्ट्र पर कब्जा करने की उनकी क्षमता के बारे पहले सोचना चाहिए। पीएसीएएफ कमांडर जनरल केनेथ विल्सबैक ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चीन का जे-20, जो उत्पादन में सबसे उन्नत लड़ाकू है वो कूड़ा-कड़कट के समान है। अमेरिकी पांचवें -जेन फाइटर्स चीनी निर्मित जेट विमानों के मुकाबले अमेरिकी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बेहद उन्नत हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन 2027 तक ताइवान पर आक्रमण करने में सक्षम होगा। वजह ये है कि इस तारीख को कई अधिकारियों ने वर्षों से निर्धारित किया। विल्सबैक ने स्वीकार किया कि यह बीजिंग के लिए एक लक्ष्य हो सकता है। लेकिन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के परिणाम को देखकर उसे सोचना चाहिए कि ये समयरेखा अभी भी यथार्थवादी है।