नगरीकरण में नयी सोच, स्वस्थ तरीकों के समावेश की आवश्यकता: कांत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 12, 2018

नयी दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने बुधवार को कहा कि देश में शहरीकरण की प्रक्रिया को नवोन्मेषक साथ स्वस्थ तरीके की बनाने की जरूरत है और हम पश्चिमी दुनिया की गलतियों से बच सकें। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी दुनिया ने शहरीकरण के सर्वाधिक प्रदूषित मॉडल सृजित किया है। स्वस्थ तरीके से विकास की धारणा दुनिया के पूर्वी हिस्से से आयी है।’’ 

यह भी पढ़ें- माल्या की कंपनी की हाई कोर्ट से गुहार, कंपनी को बंद न करने की अपील की

स्वस्थ्य नगरीकरण पर केंद्रित पुरस्कार ‘आईटीसी सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्य 2018’ समारोह में आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि पृथ्वी के केवल तीन प्रतिशत भाग पर शहर बसे हैं लेकिन ये शहर दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 84 प्रतिशत योगदान करते हैं।

यह भी पढ़ें- RBI के नये गवर्नर शक्तिकांत दास का नार्थ ब्लाक से मिंट स्ट्रीट तक का सफर

कांत ने कहा, ‘‘भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। देश की शहरीकरण की प्रक्रिया नयी और स्वस्थ सोच वाली होनी चाहिए। हमें पश्चिमी देशों की वह गलती नहीं दोहरानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि हर मिनट 30 भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में जा रहे हैं। नीति आयोग के सीईओ ने यह भी रेखांकित किया कि दुनिया की नजर पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ उत्पादों पर है और ऐसे उत्पादों के लिये अधिक कीमत चुकाने पर भी नजर है। इसीलिए भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अगुवाई कर रहा है।

प्रमुख खबरें

Ashes 2nd Test: ऑस्ट्रेलिया की 177 रनों की बड़ी बढ़त, इंग्लैंड की ठोस शुरुआत, डकेट-क्रॉली का धैर्य

संजय झा का राहुल गांधी पर सीधा हमला: केवल आपातकाल में खतरे में था संविधान, अब नहीं

CM रेखा गुप्ता का आश्वासन: दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ हर मोर्चे पर सरकार की है सक्रियता

रात के बचे चावल फेंकें नहीं! बनाएं टेस्टी चीला, स्वाद ऐसा कि बच्चे भी कर दें फरमाइश