By अभिनय आकाश | Sep 08, 2025
आर्थिक अपराध में फरार बढ़े आरोपियों को वापस भारत लाने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया गया है। इसका पता चला है तिहाड़ जेल में हाल ही में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) की टीम का दौरा करने से। ब्रिटिश क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने हाल ही में दिल्ली की तिहाड़ जेल का दौरा किया और कैदियों की स्थिति और जेल परिसर की सुरक्षा का जायजा लिया। सूत्रों के अनुसार, यह दौरा भारत सरकार द्वारा शराब कारोबारी विजय माल्या, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और ब्रिटेन स्थित हथियार सलाहकार संजय भंडारी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के लिए चल रहे प्रयासों की पृष्ठभूमि में हुआ। ब्रिटिश अदालतों ने हाल ही में प्रत्यर्पण मामलों की सुनवाई के दौरान भारत में जेलों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी।
एक आधिकारिक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चार अधिकारियों वाली इस टीम ने, जिसमें ब्रिटिश उच्चायोग के दो अधिकारी भी शामिल थे, तिहाड़ की जेल नंबर 4 का दौरा किया, जहाँ उन्होंने उच्च सुरक्षा वाले वार्डों का निरीक्षण किया और कैदियों से भी बातचीत की। जेल सूत्रों के अनुसार, यह इंस्पेक्शन खास करके विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को वापस लाने की कोशिशों को मूर्त रूप देने के लिए किया जा रहा है। इसलिए ब्रिटेन के अधिकारी यहां पहुंचे जिससे वहां के कोर्ट में यह साबित किया जा सके कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों को तिहाड़ जेल में सुरक्षित और बेहतर माहौल मिल सकेगा। हालांकि इस दौरे की जानकारी जेल प्रशासन ने किसी को नहीं होने दी।
ब्रिटिश टीम तिहाड़ की हाई-सिक्योरिटी वार्ड तक पहुंचकर वहां मौजूद कैदियों से भी बातचीत की। जेल अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रत्यर्पण के बाद अगर किसी हाई-प्रोफाइल आरोपी को यहां रखा जाता है तो उसके लिए जेल परिसर में एक विशेष एन्क्लेव भी तैयार किया जा सकता है, जहां उनकी सुरक्षा और सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाएगा। ब्रिटेन की अदालतों ने तिहाड़ जेल की स्थिति को लेकर भारत की कई प्रत्यर्पण याचिकाएं खारिज कर दी थीं। अदालतों में यह तर्क दिया गया था कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों के साथ जेल में दुर्व्यवहार या गैरकानूनी पूछताछ हो सकती है।