Assam Flood | बेघर हुए लोग, भूख-प्यास से दम तोड़ रहे मासूम, मदद के लिए आगे आओ 'असम की हालत ठीक नहीं'

By रेनू तिवारी | May 23, 2022

गुवाहाटी। असम राज्य  इस समय लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आई बाढ़ की चपेट में है। व्यापक आपदा के परिणामस्वरूप अब तक 24 लोगों की जान चली गई है और 22 जिलों में बाढ़ की लहर में सात लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। नागांव जिला तीन लाख से अधिक नागरिकों के प्रभावित होने के बाद सबसे बुरी तरह तबाह हुआ है। बाढ़ ने लोगों की जिंदगियां बर्बाद कर दी है। हफ्तों से लोग बेघर घूम रहे हैं कैंपों में खाना खा रहे हैं। सड़कों पर पानी भर गए हैं। जो जहां है वहीं कैद हो गया हैं। बाढ़ से स्थिति काफी खराब हो गयी हैं।

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रास्ते ब्लॉक होने के कारण सुविधाएं भी पहुंचाने में परेशानियां हो रही हैं। कछार जिले में भी दो लाख से अधिक लोग संकट में हैं। करोड़ों गांव पानी के भीतर डूब गए हैं और इस क्षेत्र में भारी बारिश का कहर जारी है, जिससे हालात और खराब हो रहे हैं। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के अनुसार, इस कठिन समय में राहत प्रदान करने के लिए बनाए गए शिविरों में लगभग एक लाख लोगों को आश्रय और सहायता दी गई है।

असम में बढ़ रहा है बाढ़ से मरने वालों का आकंड़ा

असम में बाढ़ की स्थिति और बदतर हो गई तथा दो बच्चों समेत छह और लोगों की मौत हो गई। राज्य के 22 जिलों में सैलाब के कारण 7.2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, नगांव जिले के कामपुर राजस्व क्षेत्र में चार लोग पानी में डूब गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि होजाई जिले के डूबोका में एक शख्स की और कछार जिले के सिल्चर में एक बच्चे की बाढ़ के कारण मृत्यु हो गई।

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भूस्खलन और बाढ़ ने तबाह किया असम

 असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। प्राधिकरण ने कहा कि कई जिलों में आई बाढ़ के कारण बारपेटा, बिश्वनाथ, कछार, दरांग, ग्वालपारा, गोलाघाट, हैलकांडी, जोरहाट, कामरूप, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, लखीमपुर, मजूरी, मोरीगांव, नगांव, सोनितपुर और उदालगुरी आदि जिलों में7,19,540 लोग प्रभावित हैं। नगांव सैलाब की वजह से बुरी तरह प्रभावित है जहां 3.46 लाख लोग संकट में हैं। इसके बाद कछार में 2.29 लाख और होजाई में 58 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। प्राधिकरण ने कहा कि फिलहाल 2095 गांव पानी में डूबे हुए हैं, जबकि 95,473.51 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल नष्ट हो गयी है।

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हिमंत विश्व सरमा की कोशिशे जारी 

इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने रविवार को कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित मुद्दों पर नयी दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय राजमर्ग प्राधिकरण की अध्यक्ष अलका उपाध्याय से बातचीत की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्गों की तत्काल मरम्मत एवं वर्तमान परियोजनाओं के समय से पूरा करने पर जोर दिया।

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