विपक्षी दलों के शासन वाले चार राज्यों के कम से कम 33 विधेयक राज्यपालों, राष्ट्रपति के समक्ष लंबित

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 21, 2025

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि अदालत राज्य विधानसभाओं से पारित विधेयकों को मंजूरी देने के लिए राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए कोई समयसीमा तय नहीं कर सकती। इसके बाद यह जानकारी सामने आई है कि विपक्षी दलों के शासन वाले चार राज्यों में कम से कम 33 विधेयक राज्यपाल या राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए लंबित हैं।

इन 33 विधेयकों में से 19 विधेयक पश्चिम बंगाल विधानसभा से पारित हैं जबकि 10 विधेयक कर्नाटक, तीन तेलंगाना और कम से कम एक विधेयक केरल विधानसभा से पारित है।

उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि राज्य विधानसभा से पारित कम से कम 19 विधेयक अब भी राज्यपाल की स्वीकृति के लिए लंबित हैं।

बनर्जी ने कहा कि जब कोई विधेयक बिना स्पष्टता के लंबित रहता है, तो उसकी अहमियत खत्म हो जाती है। कर्नाटक विधानसभा से पारित कम से कम 10 विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए लंबित हैं, जिनमें मुसलमानों को सिविल कार्यों में ठेके देने के लिए चार प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़ा विधेयक भी शामिल है।

सरकारी सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक के राज्यपाल के पास कोई विधेयक लंबित नहीं है। बताया जा रहा है कि तेलंगाना में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण विधेयक समेत तीन विधेयक लंबित है।

कांग्रेस सरकार ने चुनावी वादा पूरा करते हुए 26 सितंबर को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों (बीसी) को 42 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।

प्रमुख खबरें

Priyanka Gandhi ने UDF पर भरोसा जताने के लिए केरल की जनता को धन्यवाद दिया

Messi के 14 दिसंबर को Mumbai दौरे के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है : पुलिस

इस सर्दी में दिल्ली में पराली जलाने की कोई घटना नहीं हुई: Delhi Chief Minister

Pakistan में ड्रोन के रिहायशी इलाके में गिरने से तीन बच्चों की मौत