Delhi LG VS CM Kejriwal: आरोपों की बौछार, नियम-कानून पर आर-पार, केजरीवाल के 'झूठ' पर दिल्ली में सियासत तेज

By अभिनय आकाश | Jan 13, 2023

दिल्ली का बॉस कौन है? अधिकारों की लड़ाई दिनों दिन गहराती जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तमाम दावों पर अब एलजी ऑफिस की तरफ से प्रतिक्रिया भी आई है। केजरीवाल के सभी दावों का सिर्फ खंडन नहीं किया गया है, बल्कि यहां तक कहा गया है कि उन्होंने अपनी राजनीति को सूट करते हुए बयान जारी कर दिए हैं। एलजी हाउस की तरफ से कहा गया कि मुख्यमंत्री ने एलजी से मुलाकात के बाद सुप्रीम कोर्ट पर दिए सभी बयान गुमराह करने वाले हैं। तोड़-मरोड़कर पेश किए गए हैं। किसी एजेंडा को सूट करने के लिए ये कहा गया है। 

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि वीके सक्सेना के कई आदेश 2018 के फैसलों के आलोक में अवैध हैं। यहां तक ​​कि उन्होंने उनसे शासन के मामलों से राजनीति को अलग रखने को कहा। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह सक्सेना के साथ अपनी बैठक में संविधान, जीएनसीटीडी अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम की प्रतियां अपने साथ ले गए थे। दिल्ली एलजी सरकार के काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं जिससे दिल्ली के लोगों को असुविधा हो रही है। मेरा इरादा मुद्दों को सुलझाना था, इसलिए मैंने संविधान, मोटर वाहन अधिनियम, स्कूल शिक्षा अधिनियम, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रतियां ले लीं।

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एलजी के पास इंडिपेंडेंट ऑर्डर पास करने की आज़ादी नहीं है। एलजी कहते ये सुप्रीम कोर्ट की राय हो सकती जिसे मैं नहीं मानता। मैं प्रशासक हूँ, किसी भी ऑफिस को कोई भी ऑर्डर दे सकता हूँ। मैंने कहा: क्या राष्ट्रपति भी मोदी जी के काम से नाख़ुश होकर आदेश दे सकती हैं? केजरीवाल ने कहा कि एलजी भी लिखा है, वहां भी एलजी को चुनी हुई सरकार की मदद और सलाह पर काम करना होता है। मैंने उनको 2019, 1998 ओपी पाहवा जजमेंट दिखाए। कहते ये उनकी राय होगी, मैं प्रशासक हूं। मैंने उनसे कहा कि हम मिलकर काम करना चाहते हैं, आप चुनी हुई सरकार के काम मत रोकिए। एलजी साहब ने फिनलैंड की शिक्षक प्रशिक्षण की फाइल दो बार रोकी। ये कह कर इसकी लागत लाभ विश्लेषण क्या होगी? एक फ़ौजी ₹50000 में अपनी जान की लागत लाभ विश्लेषण करने लगा तो ना मैं बचूंगा ना एलजी  बचेंगे। क्या कभी एलजी के दफ़्तर की लागत लाभ विश्लेषण हुई है?

 

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